नई दिल्ली। सतोशी नाकामोतो नाम से आज हर कोई परिचित है। दरअसल, अभी तक ऐसा माना जाता है कि दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन की खोज इसी शख्स ने की थी। हालांकि, नाम के अलावा इनके बारे में और कोई जानकारी नहीं है। अब दुनिया के सबसे अमीर शख्स और अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने इस रहस्य से पर्दा उठाया है और निक सजाबो नामक व्यक्ति को बिटक्वाइन का निर्माता बताया है।
अब तक पहचान को लेकर कई बड़े दावे
गौरतलब है कि विश्वभर में सतोशी नाकामोतो की पहचान को लेकर कई बड़े-बड़े दावे कर चुके हैं, लेकिन अभी तक किसी की भी पुष्टि नहीं हो सकती है। अब एलन मस्क ने सतोशी नाकामोतो के बारे में जो खुलासा किया है वो चर्चा का विषय बना हुआ है।
मस्क ने कहा कि कंप्यूटर साइंटिस्ट और क्रिप्टोग्राफर निक सजाबो ने संभवत: बिटक्वाइन की खोज की थी। एक रिपोर्ट के अनुसार, मस्क ने दावा किया कि निक सजाबो के सिद्धांत खासतौर पर ‘स्मार्ट कांटैक्स’ और डिजिटल करंसी ‘बिट गोल्ड’ बिटकॉइन के निर्माण में आधार साबित हुए हैं।
सजाबो कर चुके हैं इससे इनकार
स्पेसएक्स और टेस्ला के मालिक मस्क ने कहा है कि निक सजाबो ने सतोशी नाकामोतो होने से भले ही इनकार किया है, लेकिन किसी अन्य की तुलना में बिटक्वाइन के विकास को लेकर उनकी दावेदारी दूसरे दावा करने वाले लोगों से कहीं ज्यादा मजबूत नजर आती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बिटकॉइन के बनाने वाले की पहचान करना ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है।
सतोशी नाकामोतो का संक्षिप्त परिचय
31 अक्तूबर, 2008 को सातोशी नाकामोतो ने क्रिप्टोग्राफरों के एक ग्रुप को नौ पेज का एक पेपर भेजा था। इस पेपर में बिटक्वाइन नाम के इलेक्ट्रॉनिक कैश के एक नए फॉर्म की रूपरेखा तैयार की गई थी। उस समय किसी को भी नाकामोतो की पहचान से कोई लेना-देना नहीं था। उस समय ग्रुप के ज्यादातर लोगों को बिटकॉइन के आइडिया पर ही संदेह था। रिपोर्ट के मुताबिक, हैल फिने, निक स्जाबो, डेविड चाउम और वेई दाई जैसे क्रिप्टोग्राफर और डेवलपर्स एक दशक से ज्यादा समय से कैश के इलेक्ट्रॉनिक वर्जन को डेवलप करने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि, वे सभी कई तरह के कारणों के चलते इसमें नाकाम रहे।
2009 में लॉन्च हुआ बिटक्वाइन नेटवर्क
9 जनवरी 2009 को, नाकामोतो ने बिटकॉइन नेटवर्क लॉन्च किया। फिन्नी उन कुछ लोगों में से एक थे, जो इसे लेकर उत्सुक थे और शुरुआती हफ्तों में दोनों ने नेटवर्क को चलाने के लिए दूर से काम किया। पहला बिटकॉइन ट्रांजैक्शन नाकामोतो से मिस्टर फिन्नी के पास ही गया था।
लगभग दो वर्षों तक, जैसे-जैसे बिटकॉइन धीरे-धीरे बढ़ता गया, नाकामोतो ने मैसेज बोर्ड्स पर लिखा और डेवलपर्स के साथ निजी तौर पर ईमेल के जरिए बातचीत की। दिसंबर 2010 में, नाकामोतो ने सार्वजनिक रूप से पोस्ट करना बंद कर दिया और 2011 में डेवलपर्स के साथ बातचीत भी बंद कर दी। नाकामोतो ने एक सॉफ्टवेयर डेवलपर गेविन एंड्रेसन को इस प्रोजेक्ट की कमान सौंप दी थी।
आज के समय में एक रहस्य है नाकामोतो
पब्लिक मैसेज में और यहां तक कि बाद में जारी किए गए पर्सनल मैसेज में भी, नाकामोतो ने कभी भी किसी व्यक्तिगत बात के बारे में कोई जिक्र ही नहीं किया। नाकामोतो ने न कभी अपने बारे में, न कभी मौसम के बारे में या स्थानीय स्तर पर होने वाली बातों या घटनाओं के बारे में कुछ भी नहीं कहा। जो भी बातचीत हुई, सिर्फ बिटकॉइन और उसके कोड लेकर ही की गई।
नाकामोतो ने बातचीन के लिए दो ईमेल एड्रेस और एक वेबसाइट का इस्तेमाल किया। उन्हें रजिस्टर करने वाले की पहचान भी ब्लॉक कर दी गई थी। इसके बारे में कोई सार्वजनिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। जिस युग में गुमनाम रहना बेहद मुश्किल है, नाकामोतो अब भी एक रहस्य बना हुआ है।
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