वाशिंगटन। अमेरिकी प्रशासन के अधिकारियों ने पशु-कल्याण कानूनों के संभावित उल्लंघन को लेकर एलन मस्क की चिकित्सा उपकरण कंपनी न्यूरालिंक की जांच शुरू कर दी है। कंपनी के कर्मचारियों ने पशु परीक्षणों के बारे में सूचना दी थी जिसके बाद जांच शुरू की गई है।
ट्विटर के मालिक और अरबपति कारोबारी एलन मस्क इन्सान के दिमाग में चिप लगाने वाली अपनी न्यूरालिंक कंपनी को लेकर कई दावे कर रहे हैं। इस बीच, अमेरिकी कृषि विभाग के महानिरीक्षक ने पशु परीक्षण के बारे में कर्मचारियों की शिकायत पर मस्क की न्यूरालिंक कंपनी की जांच शुरू कर दी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने 2018 में प्रयोगों के बाद से करीब 1,500 पशुओं को मार डाला है। हालांकि जानवरों की मौत की कुल संख्या से यह जरूरी नहीं कि मस्क की कंपनी नियमों का उल्लंघन कर रही हो, लेकिन यह संख्या काफी अधिक है।
रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी के ही कर्मचारियों ने पशु परीक्षणों के बारे में सूचना दी और शिकायत की कि न्यूरालिंक पशु परीक्षण में जल्दबाजी कर रही है, जिससे पशुओं को अनावश्यक पीड़ा और मृत्यु हो रही है। दरअसल, न्यूरालिंक कॉर्प एक मस्तिष्क प्रत्यारोपण (ब्रेन इम्प्लांट) विकसित कर रहा है और कंपनी जल्द ही मनुष्य के दिमाग में चिप लगाने का ट्रायल करने वाली है, जिससे लकवाग्रस्त और मस्तिष्क रोगों से पीड़ित के इलाज में मदद मिलेगी। इस मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों के अनुसार, संघीय अभियोजक के अनुरोध पर कंपनी के खिलाफ संघीय जांच शुरू की गई है।
दिमाग को कंप्यूटर से जोड़ेंगे
मस्क की न्यूरालिंक कंपनी उन कई समूहों में से एक है, जो मस्तिष्क को कंप्यूटर से जोड़ने पर काम कर रहे हैं। मस्क ने दो अन्य उत्पादों का खुलासा किया है। नए उपकरण को रीढ़ की हड्डी में भी लगाया जा सकता है। लेकिन जानवरों पर हुए परीक्षण को लेकर न्यूरालिंक कंपनी पर शिकंजा कसता जा रहा है।
करोबारी ने किया था यह दावा
अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने पूरी दुनिया को न्यूरालिंक इंप्लांट लगवाने का दावा किया था। मस्क ने दावा किया था कि छह माह में इसका मानवीय परीक्षण शुरू हो जाएगा और सर्वप्रथम दृष्टिबाधितों व पैरालिसिस मरीजों की मदद की जाएगी। इस तरह की डिवाइस पर काम कर चुके पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में पेरेलमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन के न्यूरोसर्जन और न्यूरोसाइंटिस्ट डेनियल योशोर, ने कहा कि वे मस्क के दावे से ज्यादा हार्डवेयर से प्रभावित हैं। हालांकि, यह शरीर व मस्तिष्कीय क्षमताओं को बहाल करने या नाटकीय तौर बढ़ाने की क्षमता देने वाला नहीं लगता है।
भेड़, सुअर और बंदर पर हो चुका है परीक्षण
अमेरिका के पशुपालन व कृषि विभाग के पास दायर रिकॉर्ड के अनुसार मस्क की कंपनी अब तक भेड़, सूअर और बंदर पर न्यूरालिंक डिवाइस का परीक्षण कर चुकी है। मस्क ने 2020 में न्यूरालिंक की मदद से सुअर की दिमागी हरकतों को दिखाया था। वहीं, 2021 में एक वीडियो जारी कर दावा किया कि न्यूरालिंक लगने के बाद बंदर को पोंग नाम का वीडियो गेम खेलना सिखाया गया।
मिलते-जुलते मामलों में मिल चुकी है मंजूरी
दिमाग को मशीन (कंप्यूटर) से जोड़ने की तकनीक (ब्रेन-मशीन इंटरफेस) पर दशकों से शोध हो रहा है। 2004 में एफडीए की मंजूरी के बाद शोधकर्ताओं ने एस्पिरिन की छोटी गोली के आकार एंटीना दिमाग में लगाया था, यह एक तार के जरिये कंप्यूटर से जुड़ता था। इस न्यूरल इंटरफेस को ब्रेन गेट कहा जाता है।
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