नई दिल्ली (New Delhi) । अमेरिका स्थित एक अदालत ने इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी Tesla के CEO एलन मस्क (Elon Musk) को धोखाधड़ी (Fraud) के एक मामले में क्लीन चिट (clean chit) दी है. मस्क ने 2018 में ट्विटर पर टेस्ला को प्राइवेट कंपनी बनाने के लिए फंडिंग मिलने की जानकारी शेयर की थी. हालांकि, ऐसा कभी हुआ नहीं, जिसकी वजह से शेयरहोल्डर्स को काफी नुकसान उठाना पड़ा. कंपनी के शेयरहोल्डर्स ने मस्क पर गलत जानकारी देने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ केस दर्ज किया. उन्होंने कई अरब डॉलर मुआवजे की मांग की, लेकिन कोर्ट ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया.
एलन मस्क माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म Twitter के भी मालिक हैं. वे अपने ट्वीट को लेकर हमेशा चर्चाओं में रहते हैं. वहीं, टेस्ला से जुड़ा ये केस उनके लिए काफी अहमियत रखता है. हालांकि, अब कोर्ट से उन्हें राहत मिल चुकी है, जिसका असर टेस्ला के शेयर्स पर भी हुआ. इन्वेस्टर्स की पैरवी कर रहे वकील निकोलस पोरिट ने एक बयान में कहा, “हम फैसले से निराश हैं और अगले कदम के बारे में सोच रहे हैं.”
9 घंटे कठघरे में गुजारे
अदालत ने जब मस्क को क्लीन चिट दी तो वे सुनवाई के दौरान मौजूद नहीं थे. हालांकि, तीन हफ्ते तक चली सुनवाई में दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स मस्क ने करीब 9 घंटे कठघरे में गुजारे हैं. उन्होंने कोर्ट से कहा कि टेस्ला को प्राइवेट कंपनी बनाने के लिए फंडिंग मिलने संबंधी उनके द्वारा किए गए ट्वीट सच थे. मस्क ने बताया कि फंडिंग के लिए पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड ऑफ सऊदी अरब से उनका मौखिक एग्रीमेंट हुआ था. हालांकि, उन्हें यह फंडिंग नहीं मिली.
Musk ने जूरी के फैसले की सराहना की
9 सदस्यों वाली जूरी ने एकमत से फैसला सुनाते हुए फैसला दिया कि एलन मस्क के ट्वीट ने इन्वेस्टर्स को धोखा नहीं दिया है. जूरी का फैसला आने के बाद मस्क ने ट्वीट किया, “ईश्वर का शुक्र है, लोगों के विवेक की जीत हुई है! मैं टेस्ला 420 टेक-प्राइवेट केस में जूरी के एकमत से दिए निर्दोष किए जाने की सराहना करता हैं.”
Thank goodness, the wisdom of the people has prevailed!
I am deeply appreciative of the jury’s unanimous finding of innocence in the Tesla 420 take-private case.
— Elon Musk (@elonmusk) February 3, 2023
ये था मामला, Tesla शेयर्स में उछाल
एलन मस्क ने 2018 में ट्वीट करते हुए जानकारी दी कि टेस्ला को प्राइवेट कंपनी बनाने के लिए 23% प्रीमियम के साथ 420 डॉलर (करीब 34,600 रुपए) प्रति शेयर की दर से उन्हें फंडिंग मिल गई है. इसके बाद टेस्ला के शेयर्स में उछाल आया, लेकिन जब फंडिंग नहीं मिली तो शेयर्स गिर गए. इससे इन्वेस्टर्स को लगभग 12 अरब डॉलर ( करीब 98,989 करोड़ रुपए) का नुकसान हुआ. हालांकि, क्लीन चिट मिलने के बाद टेस्ला के शेयर्स 1.6% चढ़ गए.
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