वाशिंगटन। टेस्ला के सीईओ (Tesla CEO) और दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति (World’s Richest Person) एलन मस्क (Elon Musk) ने वाइट हाउस (White House) में अपनी विवादास्पद भूमिका से पीछे हटने की घोषणा की है। वाइट हाउस में “डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE)” के अनौपचारिक प्रमुख के तौर पर मस्क की मौजूदगी काफी चर्चित और विवादास्पद रही। लेकिन अब उन्होंने इस भूमिका से खुद को अलग कर लिया है।
हालांकि काफी लंबे समय से यह खबरें थी कि मस्क जल्द ही ट्रंप की टीम से किनारा करने वाले हैं। अब इसकी औपचारिक घोषणा के पीछे की वजह बताते हुए मस्क ने टेस्ला कंपनी को प्राथमिकता देने की बात कही है। उन्होंने कहा, “सरकार के खर्च घटाना जरूरी है, लेकिन फिलहाल मेरी सबसे बड़ी प्राथमिकता टेस्ला को पटरी पर लाना है।”
क्यों टूटी ‘ट्रंप-मस्क’ की जोड़ी?
ट्रंप और मस्क की जोड़ी को अमेरिकी राजनीति में ‘टेक और ताकत’ के गठजोड़ के तौर पर देखा जा रहा था। मस्क ट्रंप की खुलकर तारीफ करते थे और 2024 के चुनाव में भारी फंडिंग भी की थी। लेकिन बीते कुछ महीनों में मस्क की गतिविधियों ने प्रशासन में विवाद और असहजता पैदा कर दी। उनकी कुछ हरकतों — जैसे नाजी जैसे सलाम, जर्मनी की कट्टरपंथी पार्टी को समर्थन और चेनसॉ के साथ सरकारी खर्च की आलोचना ने वाइट हाउस की छवि को भी नुकसान पहुंचाया।
टेस्ला को लेकर बढ़ी टेंशन
टेस्ला के शेयरों में गिरावट, इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और मार्केट में कंपनी की घटती पकड़ ने मस्क की चिंताओं को बढ़ा दिया है। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि मस्क को अब पूरी ऊर्जा टेस्ला पर लगानी पड़ेगी, वरना यह कंपनी भी ट्विटर की तरह विवादों में घिर सकती है। गौरतलब है कि मस्क को DOGE विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी, जहां उन्होंने सरकारी बजट में कटौती के लिए कई कड़े फैसले लिए। लेकिन न तो उन्हें सीनेट की मंजूरी मिली और न ही उनके पास कोई संवैधानिक अधिकार। फिर भी वह ट्रंप की टीम में सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहने वाले चेहरा बन गए।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved