धमतरी। गरियाबंद क्षेत्र से पहुंचा 21 हाथियों का दल इन दिनों धमतरी-चारामा के सीमा क्षेत्र के डुबान व वनांचल के गांवों में घूम रहे हैं। तैयार धान फसल को नुकसान पहुंचाने से क्षेत्र के किसानों की चिंता बढ़ गई है। वहीं वनांचल क्षेत्र में आने जाने वाले लोगों की जान पर भी खतरा मंडराने लगा है।
गंगरेल बांध किनारे व जंगलों के बीच बसे डुबान का वनांचल क्षेत्र हाथियों को भा गया है। वे लंबे समय के बाद भी यहां से नहीं जा रहे हैं। एक से दूसरे गांव से होकर बांध किनारे के जंगलों में घूम रहे हैं। डीएफओ अभिताभ बाजपेयी ने बताया कि वर्तमान में 21 हाथियों का दल धमतरी व चारामा सीमा क्षेत्र के गांव में घूम रहे हैं। हाथियों पर वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी नजर रखे हुए हैं। साथ ही हाथियों का दल डुबान व वनांचल क्षेत्र के जिन जगहों पर रुके हुए हैं, उस क्षेत्र के ग्रामीणों को सजग कर दिया गया है। लगातार मुनादी कराकर ग्रामीणों से हाथियों को नहीं छेड़ने अपील की जा रही है,ताकि क्षेत्र में हाथियों के दल से किसी तरह की जनधन की हानि न हो। अभी तक हाथियों के दल ने धान फसल को नुकसान पहुंचाने के अलावा किसी तरह की घटना को अंजाम नहीं दिया है। पिछले नौ सितंबर से हाथियों का दल डुबान क्षेत्र के ग्राम पंचायत अरौद डुबान के आश्रित ग्राम पहारियाकोन्हा, 10 सितंबर को धमतरी से कांकेर जिले के चारामा की सीमा में प्रवेश किया। पिछले 11 दिनों से धमतरी जिले के ग्राम-डुमरपारा, मोंगरागहन, भिड़ावर तथा कांकेर जिले के ग्राम मारवाड़ी, मुरुमतरा बागडोंगरी, देवीनवागांव से होकर मुड़धोवा, हल्बा, भानपुरी गांवों से घिरे हुए पहाड़ी, चट्टानों, पथरीले, झाड़ीनुमा छोटे से जंगल क्षेत्र से होते हुए कांकेर जिले के ग्राम शुक्लापारा, गीतपहर आदि ग्रामों में विचरण कर रहा है। अनिल साहू अरौद डुबान व राजेश मरकाम ग्राम पटौद तथा ग्राम भानपुरी के किसानों ने बताया कि हाथियों के आने से क्षेत्र के किसानों की चिंता बढ़ गई है। क्योंकि वनांचल क्षेत्र के ज्यादातर किसानों के धान फसल पककर कटाई योग्य हो गई है, जिसे हाथी रौंदकर नुकसान पहुंचा रहे हैं। हाथियों की दहशत को देखते हुए क्षेत्र के किसानों ने धान फसल की कटाई भी शुरू कर दी है। वनांचल व डुबान क्षेत्र में लोगों की आवाजाही जंगल क्षेत्रों से होता है। ऐसे में लोगों को हाथियों के झुंड से खतरा है। प्रभावित किसानों ने शासन से नुकसान के एवज में शीघ्र मुआवजा की मांग की है। एजेंसी
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved