• img-fluid

    इलेक्ट्रोनिक वॉरफेयरः भविष्य के गंभीर खतरे का संकेत

  • September 20, 2024

    – डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा

    लेबनान की राजधानी बेरूत में एक दिन पहले पेजर और उसके बाद वॉकी-टॉकी व सोलर सिस्टम में विस्फोट से दर्जनों मौत और हजारों की संख्या में लोगों के घायल होने के बाद साफ हो गया है कि दुनिया के किसी भी कोने का कोई भी व्यक्ति अपने आपको सुरक्षित महसूस करता हो तो यह उसकी गलतफहमी है। दरअसल, लेबनान की घटना में विरोधियों से बदला लेने का नया हथियार सामने आ गया है। खतरा यह है कि दुश्मन से बदला लेने का साधन न होकर यह आतंक का नया हथियार भी हो सकता। दुनिया में आतंकवादी गतिविधियों को इससे बढ़ावा मिलेगा। इलेक्ट्रोनिक वॉरफेयर का यह नया अंदाज अपने आप में गंभीर और अत्यधिक चिंताजनक हो गया है। इसके दुरुपयोग की आशंकाएं बहुत अधिक हैं।


    कभी संवाद का माध्यम रहे पेजर का युद्ध के नए हथियार के रूप में सामने आना चिंताजनक होने के साथ भविष्य में नए तरीके के युद्ध का संकेत बनकर सामने आया है। लेबनान में हजारों पेजरों, वॉकी-टॉकी और सोलर सिस्टम में विस्फोट से यह साफ हो गया कि इलेक्ट्रोनिक डिवाइसों का उपयोग विनाश, आतंक फैलाने या इसी तरह की दूसरी गतिविधियों के लिए भी किया जा सकता है। लेबनान में एक साथ हजारों की संख्या में पेजरों में विस्फोट को लेकर आशंकाओं का बाजार गर्म है। यह एक तरह का साइबर अटैक कहा जा सकता है पर अभी आरंभिक स्थिति है ऐसे में कयास लगाये जा रहे हैं कि या तो डिवाइस को हैक करके यह कार्रवाई की गई है या फिर पेजर जहां से खरीदे गए हैं वहां से ही इसमें कोई विस्फोटक प्लांट किया गया है। जिसका परिणाम मौत और हताहतों के रूप में सामने आ रहा है। करीब एक दर्जन से अधिक की मौत की शुरुआती जानकारी के साथ 3 हजार से अधिक लोगों के घायल होने के समाचार है। ईरानी राजदूत सहित करीब 500 लोगों को आंख गवानी पड़ी है। जानकारों के अनुसार एक तरह से इसे इलेक्ट्रोनिक वॉरफायर भी कहा जा सकता है। हालांकि इस घटना के लिए इजरायल पर निशाना साधा जा रहा है, वहीं पेजर सप्लाई करने वाली ताइवान की कंपनी भी शक के दायरे में है। लगभग यही स्थिति वॉकी-टॉकी और सोलर सिस्टम के विस्फोट को लेकर है।

    ईरान समर्थित संगठन हिज्बुल्लाह व हमास पहले ही इस तरह की घटना के प्रति सचेत था। उसे शक था कि सेलफोन के माध्यम से इस तरह की घटना के साथ ही हमास की गतिविधियों की जासूसी संभव है। ऐसे में हमास ने अपने प्रमुख समर्थकों को पेजर का उपयोग करने की ही सलाह दी इुई थी। पिछले दिनों ही ताइवान से 5000 पेजर मंगवाये गये थे। वॉकी-टॉकी भी लगभग पांच माह पहले खरीदे गये थे। यह कयास लगाया जा रहा है कि पेजर सप्लाई करने से पहले उसमें कोई इस तरह की चिप लगा दी गई थी जो एक निश्चित तापमान पर आते ही विस्फोट हो जाए। दूसरी ओर यह भी कयास है कि पेजर को हैक करके बैटरी का तापमान बढ़ा कर विस्फोट किया गया हो। लगभग यही कुछ वॉकी-टॉकी व सोलर सिस्टम को लेकर है।

    हालांकि ताईवान की पेजर निर्माता कंपनी के सू चिंग कुआंग ने पेजर में पहले से कोई विस्फोटक इंप्लांट होने की बात को सिरे से खारिज किया है। इलेक्ट्रोनिक वॉरफेयर की आशंकाओं को इससे समझा जा सकता है कि हिज्जबुलाह नेता हसन नसरुल्लाह ने सेलफोन के उपयोग ना करने के लिए अपने समर्थकों को सतर्क कर रख था। यही कारण था संगठन के बीच संवाद का माध्यम पेजर ही था। लेबनान के लोग अभी तक यह नहीं भूले हैं कि 6 मार्च, 1966 को हमास नेता याह्या अब्बास को फोन कॉल विस्फोट कर उड़ा दिया था।

    सवाल यह नहीं है कि इन विस्फोटों से कितने लोग मरे या हताहत हुए, सवाल यह भी नहीं है कि इसके लिए निर्माता कंपनियां दोषी है या हैक करने वाले, सवाल यह है कि आर्थिक उदारीकरण के दौरान दुनिया सिमट के रह गई है। अधिकांश जरूरत की चीजों में चिप का इस्तेमाल आम है। इलेक्ट्रोनिक्स और इलेक्ट्रिकल क्रांति के इस युग में देखा जाए तो फिर कुछ भी सुरक्षित नहीं है। पेजर, वॉकी-टॉकी या सोलर सिस्टम तो बहाना है। क्या गरीब और क्या अमीर सभी के पास एंड्रोइड मोबाइल व अन्य उत्पाद आम है। कंम्प्यूटर, टेबलेट्स, नोटबुक, लैपटॉप आदि का उपयोग आम है और इनको हैक किया जाना तो आसान है। पिछले दिनों जिस तरह से माइक्रोसॉफ्ट को चंद समय के लिए हैक कर दिया गया था या सोशल मीडिया साइट वाट्सएप आदि को हैक कर भले ही कुछ समय के लिए ही हो पर हैंकरों ने अपनी ताकत दिखा दी। हालात यह है कि अब तो लक्जरी गाड़ियों में डिवाइस का उपयोग होने लगा है। इसी तरह से घर में दैनिक उपयोग के एसी, फ्रिज, इंडक्शन अन्य उत्पाद आदि जिस जिस में भी डिवाइस लगी होती है उसमें सिस्टम में कुछ भी गलत कर सप्लाई करने और कभी भी दुरुपयोग करने की आशंकाओं को नकारा नहीं जा सकता है।

    डिजिटल अरेस्ट, साइबर क्राइम आदि जब आज आम होता जा रहा है तो इलेक्ट्रोनिक वारफेयर तो नए जमाने का नया संकट है। ऐसे में किसी भी सिरफिरे व्यक्ति या आतंकी या देश द्वारा इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने की आशंकाएं बढ़ गई। यह अपने आपमें मानवता के लिए नया संकट हो गया है। समय रहते इसकी काट बनानी होगी नहीं तो किसी के पागलपन का शिकार निर्दाेष लोगों को भी होना पड़ सकता है। यह कोई लेबनान की समस्या नहीं है, ना ही यह पेजर, वॉकी-टॉकी और सोलर सिस्टम में ब्लास्ट तक सीमित है। सिरियल बम विस्फोट से भी अधिक गंभीर है इलेक्ट्रोनिक वॉरफेयर। जब दुनिया के किसी कोने में बैठा खुरापाती किसी भी कम्प्यूटर, लेपटॉप आदि को हैक कर नुकसान पहुंचा सकता है। क्योंकि जिस तरह हमारी निर्भरता इलेक्ट्रोनिक उत्पादों पर लगातार बढ़ती जा रही है, उसी तरह से विनाश की आशंकाएं बढ़ती जा रही हैं।

    (लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)

    Share:

    टेक्नो स्पार्क 30C नया फोन मार्केट में एंट्री, डिस्प्ले और प्रोसेसर भी शानदार, जानें कीमत

    Fri Sep 20 , 2024
    नई दिल्‍ली । टेक्नो (Tecno) ने अपने डिवाइसेज की रेंज(Range of devices) को बढ़ाते हुए मार्केट में नए हैंडसेट- Tecno Spark 30C को लॉन्च (Launch)कर दिया है। कंपनी का यह नया फोन(New phone) कई शानदार फीचर्स से लैस(Equipped with great features) है। इसमें 50 मेगापिक्सल के मेन कैमरा के साथ 120Hz के रिफ्रेश रेट वाला […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    गुरुवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved