नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Minister of Finance) मंगलवार, 1 फरवरी को संसद में देश का बजट (Budget) पेश करेंगी. वित्त वर्ष 2022-23 के लिए पेश किए जाने वाले इस बजट से देश के सभी वर्गों का काफी उम्मीदें हैं. देश की आम जनता चाहती है कि उनकी आमदनी में बढ़ोतरी और खर्च में कटौती हो. इसी बीच एक खबर आ रही है कि केंद्र सरकार इस बजट में इलेक्ट्रॉनिक्स (Electronics) को लेकर बड़ा ऐलान कर सकती है.
खबर के मुताबिक केंद्र सरकार कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल फोन के कलपुर्जों पर सीमा शुल्क (Custom Duty) में संशोधन कर सकती है. अगर ऐसा होता है तो इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर के साथ-साथ देश की आम जनता को भी बढ़ती महंगाई से बड़ी राहत मिल सकती है. बताते चलें कि इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री ने केंद्र सरकार से कलपुर्जों पर कस्टम ड्यूटी घटाने की अपील की थी.
इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल फोन के कलपुर्जों पर घटाई जा सकती है कस्टम ड्यूटी
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक दो व्यक्तियों ने नाम न बताने की शर्त पर इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को लेकर सरकार के मूड की जानकारी दी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार, देश में मैन्यूफैक्चरिंग और कलपुर्जों की स्थानीय सोर्सिंग को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल फोन के कलपुर्जों पर कस्टम ड्यूटी घटाने का बड़ा ऐलान कर सकती है.
इसके साथ ही कस्टम ड्यूटी के पूरे सिस्टम को पहले के मुकाबले ज्यादा आसान करने को लेकर भी चर्चा की जा रही है. जिससे स्थानीय उत्पादन आसान होगा और कम्प्लायंस का बोझ कम होगा. देश में लोकल मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ऑडियो गैजेट्स और पहने जाने वाले गैजेट्स जैसे स्मार्टवॉच और स्मार्ट बैंड पर भी इंपोर्ट ड्यूटी घटाने को लेकर विचार कर रही है.
इसेक्ट्रॉनिक्स के निर्यात में आएगी जबरदस्त तेजी
रिपोर्ट के मुताबिक यह उन नए सेक्टर में से एक होने की संभावना है, जहां सरकार को उम्मीद है कि मोबाइल फोन निर्माण और निर्यात में सफलता की तर्ज पर निर्यात में तेजी आएगी. इससे इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स के सेक्टर में होने वाले निर्यात में जबरदस्त बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही है.
रिपोर्ट की मानें तो सरकार के इस प्लान से वित्त वर्ष 2025-26 तक इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स का निर्यात बढ़कर 8 अरब डॉलर होने की उम्मीद है, जो मौजूदा वित्त वर्ष में शून्य है. वहीं दूसरी ओर, इसी समय इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स का निर्यात भी 9 अरब डॉलर से लगभग दोगुना होकर 17.3 अरब डॉलर हो सकता है.
साल 2026 तक 300 अरब डॉलर की हो जाएगी मैन्यूफैक्चरिंग
बता दें कि केंद्रीय रेल, संचार, सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अभी हाल ही में कहा था कि इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट के सेक्टर में हमारा देश काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा था कि हमारा देश मोबाइल फोन की मैन्यूफैक्चरिंग और निर्यात में भी शानदार तरक्की कर रहा है.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि भारत में बैट्री पैक्स, चार्जर, यूएसबी केबल, कनेक्टर, इंडक्टिव कॉयल, मैग्नेटिक्स और फ्लेक्सिबल प्रिंटेड सर्किट बोर्ड जैसे कंपोनेंट्स का मौजूदा क्षमताओं और नीतियों के साथ भी उत्पादन किया जा सकता है.
इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में भारत की मौजूदा मैन्यूफैक्चरिंग कैपेसिटी करीब 75 अरब डॉलर की है, जो वित्त वर्ष 2025-26 तक बढ़कर 300 अरब डॉलर का हो सकती है. इससे हमारा देश, पूरी दुनिया में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग का पावर हाउस बनकर सामने आ सकता है. भारत के कंपोनेंट्स की उत्पादन क्षमता 25 अरब डॉलर है, जो दुनिया का 12 फीसदी हिस्सा है.
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