उज्जैन। केन्द्र सरकार द्वारा संसद के मानसून सत्र में इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल लाने का विरोध उज्जैन में किया गया और कहा गया कि यह कर्मचारी और उपभोक्ता के खिलाफ है।
बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉईस एन्ड इंजीनियर्स के आह्वान पर देशभर के 15 लाख बिजली कर्मचारी व इंजीनियरों के साथ उज्जैन के कर्मचारियों ने सोमवार दो घण्टे विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही उन्होंने 10 अगस्त को एक दिन की हड़ताल कर कार्य का बहिष्कार करने की चेतावनी भी दी। विरोध प्रदर्शन में अधीक्षण यंत्री आशीष आचार्य, एस.एन.वर्मा, अनिल सक्सेना, संजय कनोजे, माथुर, एस.के.शाह, के.एम.सिंघल, संजय पाटिल, श्रीमती ज्ञानमाला शर्मा, शालिनी शिखरे, सादिक शेख, रोहित गेहलोत, निलेश मालवीय, रानू राठौड़, देवेन्द्र एवम् समस्त नियमित, संविदा और आउटसोर्स कर्मी उपस्थित थे। क्षेत्रीय संयोजक एस.एन.वर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार ने संसद के मानसून सत्र में इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2021 संसद में रखने और पारित करने का ऐलान किया है, जिसके विरोध में बिजली कर्मियों को राष्ट्रव्यापी हडताल पर जाने का फैसला लेना पड़ा। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि बिजली कानून में व्यापक बदलाव वाले इस बिल को जल्दबाजी में पारित करने के बजाय, इसे संसद की बिजली मामलों की स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाना चाहिए और कमेटी के सामने बिजली उपभोक्ताओं और बिजली कर्मियों को अपने विचार रखने का पूरा अवसर दिया जाना चाहिए।
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