नियामक आयोग के सामने 40 आपत्तियां, फरवरी दूसरे सप्ताह में ऑनलाइन सुनवाई
इंदौर। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में एक बार फिर बिजली (electricity) महंगी (expensive) होने वाली है। विद्युत नियामक आयोग (electricity regulatory commission) फरवरी (February) के दूसरे सप्ताह में दावे-आपत्तियों पर सुनवाई करेगा। इसके बाद 1 अप्रैल से बिजली की नई दरें (new rates) लागू हो जाएंगी। संभवत: इस बार बिजली 20 पैसे प्रति यूनिट महंगी हो सकती है।
विद्युत नियामक आयोग हर साल बिजली दरों की समीक्षा करता है। हालांकि यह रस्म अदायगी जैसा हो गया है। हर बार नियामक आयोग दावे-आपत्ति तो बुलाता है, लेकिन अंतिम फैसला बिजली कंपनी (electricity company) के पक्ष में लेते हुए दरें जरूर बढ़ाता है। इस बार आयोग के सामने तकरीबन 40 आपत्तियां आई हैं। इनमें से 18 मालवा-निमाड़ (Malwa-Nimar) क्षेत्र की बताई जा रही हैं। आपत्तियों पर सुनवाई के लिए 8, 9 ,10 फरवरी की तारीख तय की गई है। कोरोना संक्रमण (corona transition) के कारण इस बार ऑनलाइन (online) सुनवाई की जाएगी। इंदौर कंपनी के लिए 8 फरवरी का समय दावे-आपत्ति सुनवाई के लिए रखा गया है। कोरोना संक्रमण के दौर में लोग सरकार से बिजली में रियायत की अपेक्षा लगाए बैठे हैं, लेकिन विद्युत नियामक आयोग से बिजली सस्ती होने की उम्मीद इसलिए नहीं की जा सकती कि प्रदेश की इंदौर, भोपाल और जबलपुर तीनों ही बिजली कंपनियों (power companies) ने बड़े घाटे की बैलेंस शीट आयोग के सामने रखी है, जिसमें सब्सिडी और उपभोक्ताओं से राशि वसूलने को लेकर अपना पक्ष रखा है। पहले कयास लगाए जा रहे थे कि बिजली 6 से 7 फीसदी महंगी हो सकती है, लेकिन अब उम्मीद जताई जा रही है कि तकरीबन 3 फीसदी दरें बढ़ाई जा सकती हैं। वर्तमान में बिजली औसत 7 रुपए प्रति यूनिट है। इस हिसाब से 20 पैसे प्रति यूनिट दर में वृद्धि की घोषणा नियामक आयोग की ओर से फरवरी के आखिर तक हो जाएगी। नए वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से उपभोक्ताओं को नई दर से बिजली का शुल्क चुकाना होगा।
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