इंदौर। प्रदेश (Pradesh) के ऐसे गांव,(Villages) मोहल्ले (Streets) और शहरों (City) की कॉलोनियों (Colonies)या गलियों के ट्रांसफार्मर(Transformers) जहां लाइन लॉस (line loss) 30 फीसदी से ज्यादा है, वहां पर सरकार (Government) विद्युत प्रहरी की तैनाती करेगी। इनकी तैनाती ऐसी होगी जैसे कि गांव में शासकीय संपत्तियों की निगरानी कोटवार द्वारा की जाती है।
प्रदेश में लगभग 25000 से अधिक ऐसे स्थान, यानी ट्रांसफार्मर (Transformers) चिह्नित किए गए हैं, जहां पर बिजली (Electricity ) का लाइन लॉस 30 फीसदी से ज्यादा है। आकलन है कि यहां पर 15 से 20 फीसदी बिजली(Electricity ) चोरी के अलावा तकनीकी व वाणिज्यिक लॉस हो रहा है। ऊर्जा विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया है कि ऐसे 25000 ट्रांसफार्मर वाले कॉलोनी, मोहल्ले में बिजली चोरी, अनियमितता, लाइन लॉस रोकने के लिए विद्युत प्रहरी की नियुक्ति की जाए। इसके लिए भोपाल, जबलपुर, इंदौर तीनों ही विद्युत वितरण कंपनियों ने प्रारंभिक आकलन भी किया था। संभव है कि मौजूदा बाढ़ संकट के बाद या 15 अगस्त को मुख्यमंत्री (Chief Minister ) अथवा ऊर्जा मंत्री (Energy Minister) विद्युत प्रहरी योजना का शुभारंभ कर सकते हैं। प्रदेश में बिजली चोरी को रोकने विद्युत प्रहरियों की नियुक्ति के बाद बिजली चोरी की घटनाओं में काफी कमी आएगी।
कौन होंगे विद्युत प्रहरी
विद्युत चोरी रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर गैरस्थायी कर्मचारी को शामिल किया जाएगा, जिन्हें संभवत: अल्प वेतन के अलावा बिजली चोरी रोकने पर शासन को जो आय होगी उसमें भी अंशदान दिया जा सकता है।
यह औसत लाइन लॉस का आंकड़ा शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में कम या ज्यादा रहता है, यानी एक शहर में किसी फीडर डीपी पर 30, 35 से 40 फीसदी तो किसी उसी शहर में दूसरी जगह 8, 10 और 12 फीसदी लाइन लॉस सामान्य स्थिति में होता है।
प्रमुख शहरों में लाइन लॉस की स्थिति
भिंड 55′
ग्वालियर 40′
भोपाल 25′
आगर 24′
शाजापुर 23′
उज्जैन 20′
इंदौर 16′
अंकुश जरूरी, जल्द योजना आएगी अमल में
प्रदेश के कई बड़े शहरों से लेकर गांव में भी लाइन लॉस काफी ज्यादा आ रहा है। इस पर अंकुश जरूरी है। विद्युत प्रहरी बिजली चोरी रोकने में कारगर साबित होंगे। योजना अंतिम चरण में है। जल्द ही इसे अमल में लाया जाएगा।
प्रद्युम्नसिंह तोमर, ऊर्जा मंत्री, मध्यप्रदेश
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