उज्जैन। पिछले तीन महीने शहर के लोगों ने गर्मी का भीषण प्रकोप भुगता एवं एसी एवं कूलर चलाने पड़े थे जिसके कारण जो बिजली के बिल आ रहे हैं वह दो से तीन हजार रुपए बढ़कर मिल रहे हैं। इसके कारण घरों का बजट बिगड़ रहा है। यह भी एक सच्चाई है कि मध्यप्रदेश ऐसा प्रदेश हैं जहाँ बिजली सबसे अधिक महंगी है।
इस बार मई और जून माह में अधिक गर्मी के कारण लोग बहुत परेशान रहे लेकिन अब लोगों के घरों में बिजली बिल पहुँचने के बाद बिजली बिल देखकर लोगों को पसीने आ रहे हैं। बिजली बिल की अचानक अधिक शिकायतें भी बढ़ गई हैं। ज्यादातर उपभोक्ता बिजली कंपनी पर अधिक बिल भेजने की शिकायत कर रहे हैं। उपभोक्ताओं को संदेह है कि बिजली कंपनी ने टैरिफ दरें बढ़ा दी है या फिर गलती से ज्यादा बिल जारी किए हैं, लेकिन बिजली कंपनी इसे लंबे चले गर्मी के मौसम और बढ़ी हुई खपत का असर बता रही है। जून माह में लोगों के घरों में पहुँचे बिजली बिल आम तौर पर हर माह में आने वाले बिल से डेढ़ से दो गुना अधिक हैं। सभी छोटे-बड़े उपभोक्ता इस बारे में शिकायत कर रहे हैं। बिलों में सुधार के आवेदन भी लगातार बिजली कंपनी के जोनों पर पहुँच रहे हैं लेकिन जोनों से बिल सुधार के अधिकार छीन लिए हैं। ऐसे में उपभोक्ताओं के बिलों में सुधार भी नहीं हो रहा। बिजली कंपनी के अनुसार बीते अप्रैल से जून तक लगातार शहर में तेज गर्मी का प्रभाव रहा। आम तौर पर शहर की बिजली माँग बीते वर्षों की गर्मियों से अधिक रही। विद्युत मंडल के अधिकारियों के अनुसार जून माह में जारी हुए बिजली के बिल मई माह की खपत के हैं। मई माह बिजली खपत के लिहाज से सबसे ज्यादा माँग वाला महीना था। तेज गर्मी के कारण लोगों के यहाँ बिजली का उपयोग 30 से 40 प्रतिशत बढ़ा। उस माह के बिल अब लोगों को मिले हैं, तो उन्हें बढ़ी खपत के कारण राशि भी ज्यादा लग रही है। ऐसे में उपभोक्ता अपने मीटर में खपत जाँच लें अगर, बिल की रीडिंग से असल मीटर रीडिंग अलग है तो वो इस बारे में शिकायत कर सकता है। इस साल लंबा गर्मी का सीजन चलने और अधिक तापमान लगातार रहने से खपत बढ़ी है। बाजार से रिकॉर्ड एसी और कूलर बिके हैं। जून माह के आखिर में शहर में बरसात का असर देखने को मिला है।
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