इंदौर। अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया जोर-शोर से शासन के आदेश पर निगम ने शुरू की थी और पहली खेप में लगभग 100 कॉलोनियों को वैध किया गया और अन्य कॉलोनियों के लिए दावे-आपत्ति, ले-आउट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की। मगर चुनावी आचार संहिता के चलते यह काम ठप रहा। अब पुन: निगम के कालोनी सेल ने इस पर काम शुरू किया है तो दूसरी तरफ बिजली कम्पनी अवैध कॉलोनियों में कनेक्शन देने की प्रक्रिया को भी तेज करेगी।
31 दिसम्बर 2022 तक की अवैध कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा विधानसभा चुनाव के पूर्व की गई और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने लगातार इसको लेकर घोषणाएं भी की और कुछ नियमों को भी शिथिल किया गया, जिसमें भूखंडधारकों से लिए जाने वाले विकास शुल्क में माफी से लेकर नगरीय निकायों के जरिए ही मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना शामिल रहा। निगम के कॉलोनी सेल में हालांकि 600 से अधिक अवैध कॉलोनियां सूचीबद्ध है। मगर उनमें से अधिकांश ग्रीन बेल्ट, नदी-नालों, नजूल से लेकर प्राधिकरण की योजनाओं में शामिल जमीनों पर काबिज है, जिसके चलते उन्हें वैध नहीं किया जा सकता। लिहाजा ऐसी 100 कॉलोनियों को ही वैध करने की प्रक्रिया पहले हुई, वहीं जिन कॉलोनियों को वैध करने की सूची निगम ने जारी करते हुए आपत्तियां आमंत्रित की थीं, उन पर अब निर्णय लिए जाना है। दूसरी तरफ ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे ने अभी इंदौर की पश्चिमी क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी की समीक्षा बैठक में कई निर्देश दिए, जिसमें बिजली बिलों में सुधार की नौबत न आए, ऐसी गुणवत्तापूर्ण बिलिंग करने को कहा, साथ ही लाइन लॉस घटाने और अवैध कॉलोनियों में तय शुल्क लेकर विधिवत कनेक्शन देने के निर्देश भी दिए।
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