– घरेलू, कृषि, अन्य श्रेणी में 47 लाख उपभोक्ताओं को मिला वर्षभर लाभ
– इंदौर जिले में 6 लाख 50 हजार उपभोक्ताओं को मिला योजना का लाभ
इंदौर। ऊर्जा विभाग (Department of Energy) अलग-अलग श्रेणी में उपभोक्ताओं को वीआईपी बिजली (VIP Electricity) उपलब्ध कराता है। बिजली कंपनी की ओर से दावा किया गया कि बीते 1 साल में सीमित घरेलू बिजली उपयोग करने वाले, कृषि मोटर पंप, अजा-जजा, पावरलूम आदि औसत 47 लाख उपभोक्ताओं को रियायती बिजली का लाभ दिया गया है। आगामी वर्ष के लिए रियायती बिजली में मालवा-निमाड़ के लिए तकरीबन 400 करोड़ रुपए का अतिरिक्त प्रावधान करने का प्रस्ताव भी रखा गया है।
प्रदेश शासन ऊर्जा विभाग के निर्देशानुसार मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा पात्र बिजली उपभोक्ताओं को नियमित रूप से सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है। एक वर्ष के दौरान औसत 47 लाख उपभोक्ताओं को 8792 करोड़ की सब्सिडी उपलब्ध कराई गई है। जारी वित्तीय वर्ष में यह सब्सिडी की राशि करीब 9200 करोड़ प्रस्तावित है। ऊर्जामंत्री प्रद्युम्नसिंह तोमर के आदेशानुसार प्रत्येक पात्र उपभोक्ता को सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है। इंदौर जिले में अधिकतम साढ़े छह लाख उपभोक्ताओं को भी सब्सिडी का लाभ दिया गया है। कंपनी क्षेत्र में 47.49 लाख उपभोक्ताओं को औसतन वर्षभर सब्सिडी का लाभ दिया गया है। प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया कि कंपनी स्तर पर गृह ज्योति योजना में औसत 33.21 लाख उपभोक्ताओं को 1699 करोड़ की सब्सिडी दी गई है। इसी तरह अजा-जजा वर्ग के पात्र 4.65 लाख उपभोक्ताओं को कृषि कार्य के लिए मुफ्त बिजली दी गई, जिस पर 2463 करोड़ रुपए की सब्सिडी प्रदान की गई। इसी तरह किसान ज्योति योजना के तहत 9.46 लाख किसानों को 4357 करोड़ की, 10 एचपी से ऊपर की मोटर वाले 9865 किसानों को 144 करोड़ की, उच्चदाब कनेक्शन से संबद्ध 37 उद्वहन सिंचाई योजना के लिए 102 करोड़ की सब्सिडी प्रदेश शासन की ओर से उपलब्ध कराई गई। प्रबंध निदेशक तोमर ने बताया कि इसी तरह पावरलूम इकाइयों के 4733 संचालकों को 23 करोड़ की, ग्राम पंचायत, नगर परिषदों को स्ट्रीट लाइट व्यवस्था के लिए 1316 कनेक्शनों पर 2.30 करोड़ रुपए की सब्सिडी प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि शासन आम लोगों के जीवन को सरल बनाने, बिल का भार कम करने एवं जरूरतमंदों की मदद करने के लिए सब्सिडी उपलब्ध करा रहा है। कंपनी क्षेत्र में मुख्यालय, रीजन, जिला स्तर पर प्रत्येक पात्र को सब्सिडी उपलब्ध कराने की सतत समीक्षा की जाती है।
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