– 1 किलोवाट के घरेलू उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए सॉफ्टवेयर में करना पड़ा बदलाव
इंदौर। मध्यप्रदेश में बिजली बिलों को लेकर प्रदेश सरकार की राहत घोषणा के बाद तीनों बिजली कंपनियों को बिलिंग सॉफ्टवेयर में बदलाव करना पड़ा। इसके लिए बिजली के बिल नियत तारीख से चार-पांच दिन देरी से उपभोक्ताओं के पास पहुंचेंगे।
इंदौर बिजली कंपनी द्वारा मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद 1 किलोवाट घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली बिल में पिछला बकाया शून्य दर्शाना है। दरअसल कंपनी द्वारा जो बिल छपाई होती है उसमें ऐसा कोई कॉलम नहीं थाष इसलिए शासन के आदेश के बाद सॉफ्टवेयर में बदलाव करना पड़ा। इसमें बिजली कंपनी को 2 से 3 दिन का समय लगा। बताया जा रहा है कि 2 सितंबर के बाद ही इस माह के बिल की प्रिंटिंग शुरू हुई है, यानी उपभोक्ता तक बिल पहुंचने में करीब 4 दिन की देरी होना तय है। इस बार 25 सितंबर तक उपभोक्ताओं के हाथ में बिजली के बिल जाएं तो कोई आश्चर्य की बात नहीं। इंदौर शहर में सवा 5 लाख के करीब घरेलू उपभोक्ता हैं। इनमें से एक लाख 40 हजार के करीब उपभोक्ताओं के घरेलू कनेक्शन 1 किलोवाट के उपभोक्ताओं को अगस्त महीने की रीडिंग का बिल दिया जाएगा। सबसे खास बात इन उपभोक्ताओं को यह रहेगी कि इनका पिछला बकाया बिल में 0 आएगा, यानी 1 किलोवाट के उपभोक्ता जिन्होंने पिछला बिल जमा नहीं किया है उनकी बल्ले-बल्ले होगी। इन उपभोक्ताओं को अगस्त महीने में रीडिंग का बिल भी जमा करना होगा। हालांकि इस छूट के कारण बिजली कंपनियां दिवालियापन के कगार पर जा पहुंची हैं। सरकार ने बिजली कंपनियों को हर्जाना पूर्ति का आश्वासन तो दिया है, लेकिन सरकार की खुद की हालत खस्ता है, ऐसे में यह सारा बोझ आम उपभोक्ताओं को वहन करना पड़ेगा।
कमलनाथ सरकार की एक यूनिट एक रुपए योजना जारी रहेगी
बिजली को लेकर उपभोक्ताओं में असमंजस की स्थिति बरकरार है। कांग्रेस की पूर्व कमलनाथ सरकार के समय सीमित बिजली उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को एक यूनिट 1 रुपए योजना को वर्तमान सरकार ने भी जारी रखा है। 100 यूनिट तक सीमित बिजली उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं के लिए यह सबसे बेहतर योजना बताई जा रही है।
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