उज्जैन। विद्युत कंपनी की स्थिति दयनीय है और उसके द्वारा बिल नहीं बाँटे जा रहे हैं। इसके बावजूद बिलों पर मतदान करने की अपील की जा रही है। पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने मतदाताओं को मतदान के लिए जागरुक करने का काम वह अपने बिलों के जरिए कर रही है। कंपनी ने कहा है कि अप्रैल माह में जारी होने वाले बिजली बिलों पर मतदान करने की अपील छापी गई है। बिजली कंपनी काफी समय से बिजली के बिल नहीं छाप रही हैं।
निर्वाचन आयोग के आदेश के अनुसार बिजली कंपनी ने बिलों पर मतदान की अपील छापी है। बिजली कंपनी के इस दावे पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं। कम से कम दो वर्ष से बिजली कंपनी ने बिल छापना ही बंद कर दिया है। उपभोक्ताओं की तमाम आपत्तियों के बावजूद कंपनी छपे हुए बिल ही नहीं दे रही है। बिजली कंपनी द्वारा यह व्यवस्था उज्जैन-इंदौर संभाग के जिलों में लागू कर दी और मोबाइल पर मैसेज के माध्यम से बिल भेजे जा रहे हैं। ज्यादातर उपभोक्ताओं के पास सिर्फ मासिक देयक के एसएमएस ही पहुँच रहे हैं। हालांकि बिजली कंपनी ने कहा है कि उपभोक्ताओं को वाटसएप पर पीडीएफ भेजी जा रही है। ऐसे में पीडीएफ फार्मेट में अपील छापी गई है। हालांकि पीडीएफ कितने उपभोक्ताओं को मोबाइल तक पहुंच रही है इसका सही-सही आंकड़ा बिजली कंपनी के पास नहीं है।