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    मप्र में फिर लगा बिजली बिल का करंट

  • July 04, 2023

    • फ्यूल कॉस्ट के नाम पर जून में 6.16 फीसदी महंगी हुई बिजली

    भोपाल। चुनावी साल में जहां लोग सस्ती बिजली की आस लगाए बैठे हैं, वहीं बिजली कंपनियां अब हर माह उपभोक्तओं को बिजली बिल का करंट दे रही हैं। यानी प्रदेश में एक बार फिर से बिजली की दरें बढ़ गई हैं। दरअसल, अब बिजली उपभोक्ताओं से फ्यूल सरचार्ज वसूला जा रहा है। इस कारण हर माह बिजली का बिल बढ़ कर आ रहा है। जून महीने के बिजली बिलों में 6.16 फीसदी तक की बढोत्तरी कर दी गई है।
    गौरतलब है की कल कैबिनेट की बैठक में वर्ष 2023-24 के लिये निर्धारित दरों में प्रदेश के घरेलू उपभोक्ताओं के लिये अटल गृह ज्योति योजना में स्वीकृत सब्सिडी एवं विभिन्न उपभोक्ता श्रेणियों को सब्सिडी देते हुए इसके एवज में विदयुत वितरण कंपनियों को सब्सिडी दी जाने की स्वीकृति प्रदान की गई। कंपनियों को विभिन्न श्रेणियों में 24 हजार 196 करोड़ 47 लाख रूपये की सब्सिडी स्वीकृति दी गई। लेकिन इसके बाद भी फिलहाल उपभोक्ताओं को कोई राहत मिलने की संभावना नहीं है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा फ्यूल कास्ट के नाम पर हर महीने बिजली के दाम तय किए जाने का अधिकार बिजली कंपनियों को दिया है। इससे चुनावी साल में बिजली उपभोक्ताओं को हर महीने झटका लग रहा है। बिजली कंपनियों ने अपने स्तर पर बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी करना शुरू कर दिया है। नई व्यवस्था बिजली कंपनियों ने अप्रैल से लागू कर दी है।

    हर महीने बढ़ रहा बिल
    अब मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी हर महीने फ्यूल कास्ट के नाम पर बिजली बिलों में बढ़ोत्तरी कर रही है। पिछले महीने फ्यूल कास्ट के नाम पर 8.41 फीसदी बिजली बिल बढ़ा था। इस महीने बिजली बिलों में 6.16 फीसदी तक की बढोत्तरी कर दी है। आप जितनी यूनिट बिजली जलाएंगे, उस पर 6.16 फीसदी एफपीपीएएस लगेगा। पॉवर मैनेजेंट कंपनी द्वारा हर महीने फ्यूल एंड पावर पर्चेस एडजेस्टमेंट सरचार्ज (एफपीपीएएस) के नाम पर बिजली बिल में इजाफा किया जा रहा हे। बढ़ी हुई बिजली की दरें 24 जून से लागू कर दी हैं। ऐसे में अगर आपके मीटर की रीडिंग 5 जुलाई को होती है, तो आपको 24 जून से 5 जुलाई तक की यूनिट पर 6.16 फीसदी की बढ़ोत्तरी का बिल चुकाना होगा।पिछले महीने पॉवर मैनेजमेंट कंपनी ने एफपीपीएएस के नाम पर 8.41 फीसदी की बढ़ोत्तरी बिजली बिलों में की थी। ऐसे में 24 जून से पहले जो बिजली जलाई गई है, उसमें आपको 8.41 फीसदी अधिक चुकाना होगा। इस तरह से अब हर महीने बिजली कंपनियां बिलों में बढ़ोत्तरी करेंगी और आपका बिजली बिल बढ़कर आएगा।



    एफसीए की जगह एफपीपीएएस की वसूली
    कंपनी का दावा है कि सरचार्ज घाटे के आधार पर लगाया जा रहा है। बिजली कंपनियां हर महीने अब एफसीए की जगह फ्यूल एंड पावर पर्चेस एडजेस्टमेंट सरचार्ज (एफपीपीएएस) वसूल रही हैं। इसकी गणना हर महीने की जा रही है। इसके आधार पर आपके बिजली बिल हर महीने बढ़कर ही आएगा। फ्यूल एंड पावर पर्चेस एडजेस्टमेंट सरचार्ज (एफपीपीएएस) की गणना कर रही है। इस गणना के मुताबिक बिजली कंपनियां ऊर्जा शुल्क में बढ़ोत्तरी कर रही हैं। 353 यूनिट जलाने पर 151 एफपीपीएएस अगर आपका बिजली 353 यूनिट तक आता है, तो आपको 151 रुपए एफपीपीएएस के नाम पर अधिक चुकोने होंगे। बिजली खपत 353 यूनिट होने पर एनर्जी चार्ज 2077.86 रुपए होता है। इसमें 6.16 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी हो जाएगी। ऐसे में आपको करीब 151 रुपए ज्यादा चुकाना होंगे। इसके अलावा इसमें फिक्स चार्ज और इलेक्ट्रीसिटी ड्यूटी भी लगेगी।

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