भोपाल। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (Central Zone Electricity Distribution Company) ने अपना बकाया वसूलने का तरीका बदल दिया है। कंपनी मेंटेनेंस की तर्ज पर बिजली के बकाया बिलों की वसूली करेगी। अब वसूली पोल-टू-पोल (Pole-to-Pole) रहेगी। एक पोल पर छोटे व बड़े पांच बकायेदार हैं, उन सभी का कनेक्शन कटेगा। पिक एंड चूज की स्थिति नहीं रहेगी। मोहल्ले में जितने भी बकाएदार होंगे, उनका कनेक्शन काटा जाएगा। कनेक्शन कटने के बाद उनकी निगरानी भी की जाएगी। इस माडल को कंपनी प्रबंधन ने काफी सराहा है। ग्वालियर भोपाल रीजन के सभी सर्कलों में इसी तर्ज पर कार्य करने की तैयारी है।
बिजली कंपनी का भोपाल और ग्वालियर रीजन के ऊपर करीब 12 हजार करोड़ का बकाया है। यह बकाया लगातार बढ़ता जा रहा है। कंपनी प्रबंधन बकाए को लेकर सख्त है। अधिकारी व कर्मचारियों के टारगेट निर्धारित कर दिए। वसूली की हर सप्ताह समीक्षा की जा रही है, क्योंकि लोग बिल भरने से परहेज करने लगे थे, जिससे बकाया बढ़ रहा है। बकाया बढऩे से बिजली कंपनी की भी हालत खराब है। इसके चलते पुराने बकाए से हर महीने 12 करोड़ व वर्तमान बिलिंग का टारगेट दिया गया है।
अभी यह व्यवस्था थी कनेक्शन काटने की
बिजली कंपनी ने 50 हजार से 1 लाख के बकायेदारों को टारगेट किया था। इससे विवाद की स्थितियां बनती थी। दूसरे बकायेदार का उदाहरण देकर कनेक्शन काटने का विरोध करते थे। एक कनेक्शन काटकर कर्मचारी आगे बढ़ जाता था। मोहल्ला-मोहल्ला जाना पड़ता था। इसके लिए गाड़ी लेकर जाते थे। कनेक्शन काटने के बाद बकायेदार के घर के बाहर गार्ड भी बिठाए। इससे बड़े बकायेदरों ने किस्तो में पैसा जमा भी किया। दरअसल, हर महीने 25 फीसद लोग बिल नहीं भरते हैं, जिससे बकाया बढ़ रहा है।
इस तर्ज पर होगा काम
अब पोल टू पोल की व्यवस्था लागू की है। एक पोल पर से दस लोगों को कनेक्शन दिए जाते है। बिल जमा करने की तारीख निकल गई। बिल जमा नहीं किया है। एक हजार का बकाया भी है, कनेक्शन कटेगा। एक दिन में पूरे मोहल्ले में कार्रवाई की जाएगी। इस तरह की कार्रवाई में कर्मचारी को गाड़ी देने की जरूरत नहीं होगी। एक पोल पर एक कनेक्शन काटने से कर्मचारी को समय भी लगता था। जितनी लिस्ट दी जाती थी, उतनी कार्रवाई पूरी नहीं हो पाती थी। पोल टू पोल में ज्यादा कनेक्शन कटेंगे।
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