नई दिल्ली। सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) का चलन बढ़ाने के लिए आम बजट में बेटरी स्वेपिंग (battery swapping) यानी अदला-बदली के ऐलान के बाद अब टैक्स (TAX) में छूट, कई अन्य रियायतें देने पर विचार कर रही है। इलेक्ट्रिक गाडिय़ों (electric vehicles) को बढ़ावा देने के मकसद से बेटरी की कीमत सबसे बड़ी अड़चन है, जिसका हिस्सा गाड़ी की कुल कीमत में 30 से 40 प्रतिशत होता है। बजट में बेटरी स्वेपिंग (battery swapping) यानी अदला-बदली नीति के तहत ग्राहक अलग-अलग कंपनियों से किराए पर ले सकती है, जिससे कीमतें घट सकती हैं, वहीं सरकार भी करों में रियायत देगी।
मिली जानकारी के मुताबिक, इलेक्ट्रिक गाडिय़ों (electric vehicles) को बढ़ावा देने के मकसद में बैट्री (battery) की कीमत सबसे बड़ी अड़चन रही है। इसका हिस्सा गाड़ी की कुल कीमत में से 30-40 होता है। अब बैट्री स्वैपिंग व्यवस्था (battery swapping) से गाड़ी में से बैट्री (battery) की कीमत हट जाएगी यानी वाहन लेते समय गाड़ी की कीमत ही देनी होगी। इसके बाद ग्राहक अलग-अलग कंपनियों से बैट्री किराये पर ले सकेंगे। किराया बैट्री की क्षमता-आकार के हिसाब से होगा। इस पर अप्रैल से सरकार मंथन करेगी।
सूत्रों के मुताबिक, किराये में बैट्री (battery) की कुछ कीमत चुकाने का विकल्प भी दिया जा सकता है। बैट्री (battery) की चार्जिंग खत्म होने पर ग्राहक उसे कंपनियों के स्टोर पर ले जाकर बदल सकेंगे। इससे उसे चार्जिंग में लगने वाले समय व दूसरे रखरखाव संबंधी चीजों पर खर्च नहीं करना पड़ेगा। अभी इन सेवाओं व बैट्री पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है जिसे काउंसिल की अगली बैठक में घटाकर 5 फीसदी करने की तैयारी है।
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