भोपाल। परिवहन एवं राजस्व मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत (Transport and Revenue Minister Govind Singh Rajput) ने कहा कि परिवहन क्षेत्र को कार्बन मुक्त करने एवं पर्यावरण को संरक्षण एवं संवर्धन के लिए यातायात के साधनों में डीजल एवं पेट्रोल के स्थान पर अधिक से अधिक इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (electric mobility) के विकल्पों को अपनाया जाएगा। परिवहन मंत्री राजपूत गोवा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा 2030 तक एक बिलियन कार्बन उत्सर्जन को कम करने की प्रतिबद्धता के चलते राज्यों के परिवहन मंत्रियों की कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा नीति आयोग के सहयोग से हरित मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए आयोजित कार्यशाला में केन्द्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डे, केंद्रीय राज्यमंत्री श्री कृष्णपाल सिंह, नीति आयोग के सचिव श्री अभिताभ कांत, केंद्रीय उद्योग सचिव श्री अभय गोयल सहित सभी राज्यों के परिवहन मंत्री उपस्थित थे। मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि पर्यावरण के संरक्षण के लिए अधिक से अधिक इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के उपयोग एवं निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रभावी कार्ययोजना बनाई जाना एवं योजना को प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 2030 तक वाहनों की कुल बिक्री में कम से कम 30 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों का लक्ष्य रखा गया है।
परिवहन मंत्री श्री राजपूत ने कहा इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग से डीजल एवं पेट्रोल से होने वाले प्रदूषण को रोका जा सकेगा वहीं डीजल एवं पेट्रोल पर होने वाले व्यय में भी कमी आएगी। इसके साथ ही कच्चे तेल पर होने वाली विदेशी मुद्रा की बचत भी होगी। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिए वाहनों के क्रय पर मोटर यान कर एवं पंजीयन शुल्क में छूट दे चुकी है। प्रदेश में विभिन्लन वर्गो के 34 हजार 500 इलेक्ट्रिक वाहनों पर “प्रथम आओ प्रथम पाओ” के तहत लाईफ टाईम टैक्स एक फीसदी की न्यूनतम दर से लिया जा रहा है।
प्रमुख नगरों के मध्य चलेंगी इलेक्ट्रिक बसें
परिवहन एवं राजस्व मंत्री श्री राजपूत ने कार्यशाला में बताया कि मध्यप्रदेश सरकार प्रदेश के प्रमुख नगरों में 200 से 300 कि.मी. के मध्य सावर्जनिक परिवहन के रूप में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन संबंधी योजना बनाने जा रही है। इसके साथ ही ई-वाहन के उपयोग को सुगम बनाने के लिए यात्रा के दौरान भोपाल, इंदौर एवं जबलपुर जैसे संभागीय स्थानों पर 250 ई-व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनाए जाने की योजना है। इन स्टेशनों के लिए पेट्रोल पंप पर ही यह सुविधा उपलब्ध कराने के लिए चर्चा की जा रही है। इसके साथ ही बैट्री स्वैपिंग की सुविधा भी इन स्टेशनों पर उपलब्ध कराई जाएगी।
कार्यशाला में परिवहन मंत्री ने कहा कि ई-वाहन खरीदने के लिए आम जनता को फेम 2 योजना में सबसिडी प्रदान करना चाहिए ताकि इनकी कीमत पेट्रोल-डीजल से चलित वाहनों की तुलना में अधिक न हो और उनसे प्रतिस्पर्धात्मक हो जाए। ई-वाहनों के चार्जिग स्टेशन की उपलब्धता के लिए 25 प्रतिशत पेट्रोल पंपों को चिन्हित कर चार्जिंग स्टेशन की स्थापना अनिवार्य करना चाहिए। इसके साथ ही ई-वाहन निर्माण के क्षेत्र में रोजगार की भी प्रबल संभावनाएँ हैं, जिससे प्रदुषण के साथ प्रदेश के युवाओं को रोजगार भी मिल सकेगा।
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