नई दिल्ली । आजादी के बाद दशकों तक चुनावी राजनीति (electoral politics) में न तो महिलाओं (Women) की भागीदारी बहुत ज्यादा थी और न ही उन्हें इतनी अहमियत मिलती थी. उसकी वजह ये हो सकती है कि ज्यादातर महिलाएं वोटिंग (voting) से दूर रहती थीं. हालांकि, अब महिलाएं सत्ता बनाने और बदलने का दमखम रखती हैं. यही वजह है कि अब महिलाओं को साधने वाले चुनावी वादे ज्यादा किए जाने लगे हैं या उनको ध्यान में रखकर योजनाएं लाई जाने लगी हैं.
हरियाणा में सत्ता वापसी के लिए कांग्रेस और सत्ता में बने रहने के लिए बीजेपी, दोनों ही पार्टियां महिलाओं को खास तवज्जो दे रही हैं. दोनों ही पार्टियों के घोषणापत्र में महिलाओं को लेकर कई वादे किए गए हैं.
कांग्रेस ने वादा किया है कि अगर वो सरकार में आती है तो 18 से 60 साल की हर महिला को हर महीने 2 हजार रुपये दिए जाएंगे. बीजेपी इससे एक कदम और आगे चली गई. बीजेपी ने अपने ‘संकल्प पत्र’ में वादा किया है कि चुनाव के बाद ‘लाडो लक्ष्मी योजना’ लाई जाएगी, जिसके तहत हर महिला को हर महीने 2,100 रुपये दिए जाएंगे.
चुनाव आयोग के मुताबिक, हरियाणा में तकरीबन 96 लाख महिला वोटर्स हैं. पिछले दो विधानसभा चुनाव के आंकड़े बताते हैं कि हरियाणा में महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत पुरुषों के बराबर ही रहा है. 2014 में 76% तो 2019 में 67% महिला वोटरों ने वोट दिया था.
बाहरहाल, हालिया सालों में बहुत सी राज्य सरकारों ने महिलाओं से जुड़ी कई योजनाएं शुरू की हैं. इसके साथ ही वो उन्हें मंथली अलाउंस भी दे रही हैं. आइए जानते हैं कि किस राज्य में महिलाओं को हर महीने कितने रुपये मिल रहे हैं.
महाराष्ट्र | 1,500 रुपये हर महीने
महाराष्ट्र में पिछले महीने ही सरकार ने ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना’ की घोषणा की थी. इस योजना के तहत, 21 से 65 साल की उन महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये की मदद दी जाएगी, जिनकी सालाना कमाई 2.5 लाख से कम होगी. इस योजना के तहत राज्य की एक करोड़ महिलाओं को जोड़ा जाएगा.
छत्तीसगढ़ | 1,000 रुपये हर महीना
फरवरी 2024 में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ‘महतारी वंदन योजना’ का ऐलान किया था. इस योजना को 1 मार्च से लागू कर दिया गया. योजना के तहत, महिलाओं को 1 हजार रुपये की 12 किस्तों में सालाना 12 हजार की मदद दी जाती है. हालांकि, सिर्फ गरीब महिलाओं को ही इसका फायदा मिलता है.
मध्य प्रदेश | 1,250 रुपये हर महीना
मार्च 2023 में एमपी सरकार ने ‘मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना’ शुरू की थी. इस योजना के तहत उन महिलाओं को हर महीने 1,000 रुपये की मदद दी जाती थी, जिनकी सालाना कमाई 2.5 लाख से कम थी. पिछले साल ही विधानसभा चुनाव से पहले इसमें 250 रुपये और बढ़ा दिए थे. अब यहां हर महीने 1,250 रुपये की मदद की जाती है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस योजना के तहत आगे जाकर 3 हजार रुपये देने का वादा किया है.
पश्चिम बंगाल | 1,200 रुपये हर महीना
फरवरी 2021 में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘लक्ष्मी भंडार योजना’ शुरू की थी. इस योजना के तहत, 25 से 60 साल की उम्र की महिलाओं को आर्थिक मदद दी जाती है. एससी और एसटी महिलाओं को हर महीने 1,200 जबकि बाकी महिलाओं को 1,000 रुपये की मदद मिलती है.
झारखंड | 1,000 रुपये हर महीना
झारखंड में ‘मुख्यमंत्री मैया सम्मान योजना’ के तहत 21 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को हर महीने 1 हजार रुपये की मदद मिलती है. हालांकि, ये मदद उन्हीं महिलाओं को मिलती है, जिनकी सालाना कमाई 3 लाख रुपये से कम है. इस योजना से 48 लाख महिलाओं को फायदा होता है.
कर्नाटक | 2,000 रुपये हर महीना
19 जुलाई 2023 को सिद्धारमैया सरकार ने ‘गृह लक्ष्मी योजना’ शुरू की थी. इस योजना के तहत परिवार की महिला मुखिया को हर महीने 2 हजार रुपये की मदद की जाती है.
तमिलनाडु | 1,200 रुपये हर महीना
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सितंबर 2023 में ‘कलैगनार मगलिर उरीमाई थित्तम योजना’ शुरू की थी. इसके तहत, 21 साल से ज्यादा उम्र की महिला मुखिया को हर महीने 1,200 रुपये की मदद मिलती है. हालांकि, इसके लिए कुछ शर्तें भी हैं. जैसे- परिवार की सालाना कमाई 2.5 लाख से कम होनी चाहिए, 10 एकड़ से कम जमीन होनी चाहिए और सालभर में 3,600 यूनिट से कम बिजली इस्तेमाल होनी चाहिए.
हिमाचल प्रदेश | 1,500 रुपये हर महीना
इसी साल मार्च में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 18 से 60 साल की महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये देने का ऐलान किया था. इस योजना को अप्रैल 2025 से लागू किया जाएगा.
दो राज्यों में अटकी है योजना?
इसी साल मार्च में दिल्ली सरकार ने ‘मुख्यमंत्री महिला सम्मान राशि’ नाम से योजना शुरू करने का ऐलान किया था. इस योजना के तहत 18 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को हर महीने 1,000 रुपये की मदद मिलेगी. हालांकि, ये योजना अभी लागू नहीं हुई है.
दिल्ली के महिला और बाल विकास मंत्री कैलाश गहलोत ने इस योजना को लागू करने के लिए कैबिनेट नोट बनाने का आदेश दिया था. कैबिनेट नोट को जब विभाग से मंजूरी मिल जाएगी तो उसे कैबिनेट में पेश किया जाएगा और फिर उपराज्यपाल के पास भेजा जाएगा.
दिल्ली की तरह ही पंजाब में भी आम आदमी पार्टी ने 2022 के विधानसभा चुनाव के वक्त महिलाओं को हर महीने 1 हजार रुपये देने का वादा किया था. हालांकि, अब तक इस योजना को लागू नहीं किया गया है.
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