श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में विधानसभा चुनाव (assembly elections) का इंतजार लंबे समय से हो रहा है। अब चुनाव आयोग (Election Commission) ने जल्द चुनाव करवाने को लेकर बड़ा संकेत दिया है। चुनाव आयोग ने केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन से कहा है कि जिन अधिकारियों की नियुक्ति उनके गृह जिले में है, उनका ट्रांसफर किया जाए। इसी तरह के निर्देश महाराष्ट्र, हरियाणा (Maharashtra, Haryana) और झारखंड (Jharkhand) की सरकारों को भी दिए गए हैं। इन राज्यों में इसी साल चुनाव होने हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जून में ही श्रीनगर में कहा था कि जम्मू-कश्मीर में ना केवल विधानसभा के चुनाव करवाए जाएंगे बल्कि इसको राज्य का दर्जा भी वापस किया जाएगा। बीते साल अनच्छेद 370 हटाए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई करते वक्त सुप्रीम कोर्ट ने भी चुनाव आयोग से कहा था कि 30 सितंबर 2024 तक विधानसभा के चुनाव करवाए जाएं।
चुनाव आयोग की तरफ से जम्मू-कश्मीर के चीफ सेक्रेटरी, चुनाव आधिकारी और अन्य अधिकारियों से कहा गया है कि चुनाव से जुड़े अधिकारियों की गृह जिले में पोस्टिंग है तो उन्हें ट्रांसफर किया जाए। इससे पहले जम्मू-मूकश्मीर में 2014 में विधानसभा चुनाव करवाए गए थे। तब बीजेपी और पीडीपी ने मिलकर सरकार बनाई थी। हालंकि बीजेपी ने समर्थन वापस ले लिया और सरकार गिर गई। इसके बाद जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया।
अगस्त 2019 में अनुुछेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-मूकश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया। जम्मू-कश्मीर का परिसीमन भी करवाया गया है। विपक्षी दलों का कहना है कि बीजेपी जानबूझकर विधानसभा का चुनाव नहीं करवा रही है। अब तक चुनाव का औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है। वहीं हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र की विधानसभा का भी कार्यकाल 30 नवंबर, 26 नवंबर और 5 जनवरी 2025 को खत्म हो रहा है। चुनाव आयोग ने यह भी कहा है कि चुनाव से जुड़े अधिकारी अगर तीन साल से ज्यादा वक्त से एक जगह पर पोस्टेड हैं तो उनका भी ट्रांसफर किया जाएगा। चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष तरीके से करवाने के लिए चुनाव आयोग ने निर्देश दिए हैं।
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