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Elections Results: MP की ये 10 VVIP सीटें, जिन पर टिकी है सबकी निगाहें

December 03, 2023

भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Elections) के एग्जिट पोल नतीजे (exit poll results) सामने आने के बाद आज मतगणना भी शुरू हो गई है। इस बार मध्य प्रदेश में प्रमुख दल बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर (Close contest between BJP and Congress) देखने को मिल रही है। वोटों की गिनती के साथ ही साफ होगा कि जनता जनार्दन किसके साथ है. लेकिन हम नजर डालते हैं, मध्य प्रदेश की उन दस वीवीआईपी सीटों पर, जिसका नतीजा जानने के लिए ना केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश के लोग बेताब होंगे. ऐसी ही दस वीवीआईपी विधानसभा सीटों पर नजर डालते हैं, जहां से केंद्रीय मंत्री, सांसद से लेकर मुख्यमंत्री पद के दावेदार चुनावी मैदान में हैं।


बुधनीः- मध्य प्रदेश के चार बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधनी से चुनाव मैदान में हैं. 2018 विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री सुभाष यादव के बेटे अरुण यादव ने ताल ठोकी थी. शिवराज सिंह चौहान ने अरुण यादव को लगभग 58,000 वोटों से हराया था. 2023 में क्या कांग्रेस शिवराज के गढ़ में सेंध लगा पाएगी, कहना कठिन है. इस बार भी कांग्रेस के अरुण यादव मैदान में हैं।

रुझानः बुधनी विधानसभा सीट से 13339 वोटों से सीएम शिवराज कांग्रेस प्रत्‍याशी व रामायण टीवी सीरियल में हनुमान का किरदार निभाने वाले विक्रम मस्‍तल से आगे चल रहे हैं।

 

छिंदवाड़ाः- मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा विधानसभा सीट के चुनाव पर इस बार देशभर की नजरें टिकी रहेंगी. इसकी वजह है यहां से कांग्रेस के उम्मीदवार. दरअसल, छिंदवाड़ा मप्र में कांग्रेस के सीएम पद के दावेदार कमलनाथ का गढ़ है. पिछले चुनाव में भी जिले की सभी सात सीटों पर कांग्रेस का कब्जा रहा था. जाहिर है इस बार जब कमलनाथ खुद चुनाव लड़ रहे हैं, तो सियासी विश्लेषक इस चुनाव को अलग नजरिये से देख रहे हैं. 2018 में यहां से कांग्रेस के दीपक सक्सेना ने जीत हासिल की थी. उनके मुकाबले भाजपा के उम्मीदवार चौधरी चंद्रभान सिंह को हार का सामना करना पड़ा था. कांग्रेस प्रत्याशी को 2018 के चुनाव में 1 लाख से अधिक वोट मिले थे. वहीं भाजपा 89 हजार वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रही थी. कमलनाथ को भाजपा के विवेक बंटी साहू टक्कर दे रहे हैं।

रुझानः पूर्व मुख्‍यमंत्री कमलनाथ 5978 वोटों से भाजपा प्रत्‍याशी विवेक बंटी साहू से पीछे चल रहे हैं।

 

दिमनीः- इन्हीं वीवीआईपी सीटों में से एक है मुरैना जिले की दिमनी सीट. यहां से बीजेपी ने इस बार केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को खड़ा कर मुकाबला हाई प्रोफाइल बना दिया. उनकी टक्कर कांग्रेस के मौजूदा विधायक रविंद्र तोमर से थी. लेकिन चुनाव में ट्विस्ट तब आ गया जब पूर्व विधायक बलवीर दंडोतिया बसपा से टिकट लेकर आ गए. अब दिमनी में मुकाबला त्रिकोणीय है. 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने के बाद दिमनी से कांग्रेस विधायक गिर्राज दंडोतिया ने भी भाजपा का हाथ थाम लिया था. यही वजह है कि दिमनी में भी उपचनाव हुआ था लेकिन गिर्राज हार गए और कांग्रेस के रविंद्र सिंह तोमर ने 24 हजार 267 वोट से जीत दर्ज की थी।

रुझानः दिमनी की छठे राउंड की गिनती के बाद केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर 6885 वोटों से आगे चल रहे हैं।

 

नरसिंहपुरः- भाजपा ने नरसिंहपुर सीट से केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल को उतारा है. वह पार्टी का बड़ा ओबीसी चेहरा हैं. इस सीट पर पटेल परिवार का दबदबा रहा है, लेकिन वह पहली बार यहां से चुनाव लड़ रहे हैं. 2018 में उनके भाई जालम सिंह पटेल करीब 37,000 वोटों से जीतकर विधायक बने थे. इस चुनाव में उनका मुख्य मुकाबला कांग्रेस के लाखन सिंह पटेल से है जिन्हें कमलनाथ का करीबी माना जाता है।

रुझानः बीजेपी उम्मीदवार व केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल सात हजार से अधिक वोटों से आगे हैं, जबकि कांग्रेस के लाखन सिंह पटेल पीछे चल रहे हैं.

 

निवासः- निवास विधानसभा सीट आदिवासियों के लिए आरक्षित है. यहां से बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को उम्मीदवार बनाया है. 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा था. साल 2018 में निवास विधानसभा सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार फग्गन सिंह कुलस्ते के भाई रामप्यारे कुलस्ते थे. उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी ने 30000 वोटों से हराया था. फग्गन सिंह कुलस्ते का सामना कांग्रेस के चैन सिंह वरकड़े से है।

रुझानः निवास विधानसभा सीट पर बीजेपी के फग्गन सिंह कुलस्ते पीछे चल रहे हैं. वहीं, अभी तक हुई मतों की गिनती में कांग्रेस के चैन सिंह वारकाडे 11196 वोटों से आगे चल रहे हैं.

 

इंदौर-1:- इंदौर-1 विधानसभा सीट से इस बार दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय चुनाव लड़ रहे हैं. कैलाश विजयवर्गीय छह बार विधायक रह चुके हैं और वह 10 साल बाद चुनाव लड़ रहे हैं. उनके खिलाफ कांग्रेस के संजय शुक्ला हैं, जो 2018 में करीब 8 हजार वोटों से जीते थे।

रुझानः निवास विधानसभा सीट पर बीजेपी के फग्गन सिंह कुलस्ते पीछे चल रहे हैं. वहीं, अभी तक हुई मतों की गिनती में कांग्रेस के चैन सिंह वारकाडे 11196 वोटों से आगे चल रहे हैं.

 

लहारः- लहार विधानसभा सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. यहां सात बार से कांग्रेस विधायक के रूप में डॉक्टर गोविंद सिंह काबिज हैं. लहार विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी ने कई प्रयोग किए लेकिन अभी तक असफल साबित हुए हैं. प्रदेश में 18 साल से बीजेपी सरकार है. लेकिन लहार में जीत का स्वाद नहीं चख पाई है. 1990 से आज तक लहार में डॉ. गोविंद सिंह विधायक बनते आ रहे हैं. डॉ. गोविंद सिंह का सामना भाजपा के अमरीश शर्मा से है।

रुझानः लहार (Lahar) सीट से बीजेपी के अम्बरिश शर्मा 982 वोटो से आगे चल रहे है.

 

राघोगढ़ः- राघोगढ़ विधानसभा सीट मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के परिवार का गढ़ है. दिग्विजय सिंह इस सीट से 1977 में पहली बार विधायक बने थे. 2018 में दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह ने करीब 46,000 वोटों से जीत दर्ज की थी. भाजपा इस बार जयवर्धन को कड़ी टक्कर देने की कोशिश कर रही है. उऩका मुकाबला भाजपा के हिरेंद्र सिंह बंटी से है।

रुझानः राघौगढ़ निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस के जयवर्धन सिंह भाजपा के हीरेंद्र सिंह बंटी से आगे चल रहे हैं.

राऊः- इंदौर की राऊ सीट पर दोनों प्रमुख पार्टियों के वही उम्मीदवार आमने-सामने हैं जो 2018 में टकराए थे. कांग्रेस ने अपने मौजूदा विधायक जीतू पटवारी को चौथी बार राऊ सीट से मैदान में उतारा है. वहीं भाजपा ने अपने नेता मधु वर्मा पर दूसरी बार भरोसा जताया है।

रुझानः राऊ विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी जीतू पटवारी पीछे चल रहे हैं। भाजपा के मधु वर्मा से दूसरे राउंड में 9487 वोटों से आगे चल रहे हैं।

दतियाः- महत्वपूर्ण सीटों में शुमार दतिया विधानसभा सीट पर एक बार फिर भाजपा के दिग्गज डॉ. नरोत्तम मिश्रा का मुकाबला यहां कांग्रेस पार्टी से होना है. साल 2018 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को यहां आसान जीत नहीं मिल पाई थी. लिहाजा इस बार के चुनाव के रोचक होने के कयास लगाए जा रहे हैं. 2018 में भाजपा उम्मीदवार डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने दतिया विधानसभा सीट से मात्र 2600 से कुछ अधिक वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. उन्हें कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी भारती राजेंद्र से कड़ी चुनौती मिली थी. कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार भारती राजेंद्र को 69 हजार से अधिक वोट मिले थे. वहीं भाजपा प्रत्याशी डॉ. नरोत्तम मिश्रा के पक्ष में 72 हजार से अधिक वोट पड़े थे. कड़े चुनावी मुकाबले में डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने 2656 वोटों के अंतर से जीत हासिल की. डॉ. नरोत्तम मिश्रा का सामना इस बार भी भारती राजेंद्र से है।

रुझानः दतिया विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा 2200 वोटों से पीछे चल रहे हैं।

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