इस्लामाबाद (islamabad) । आर्थिक तंगी से परेशान पाकिस्तान (Pakistan) में आम चुनाव (General election) से जुड़ी एक बड़ी खबर है। पाक चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि इस साल आम चुनाव नहीं होंगे। 9 अगस्त को संसद भंग करके शहबाज शरीफ (shehbaz sharif) ने चुनावी बिगुल फूंक दिया था। इमरान खान को जेल भेजकर अपनी जीत के रोड़े भी हटा दिए थे लेकिन, अब चुनाव आयोग के इस फैसले ने पीपीपी नेताओं की नींद उड़ा दी है। चुनाव आयोग ने नई तारीखों के ऐलान के साथ वजह का भी खुलासा किया है।
डॉन अखबार ने गुरुवार को बताया कि पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने पीपीपी, अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) समेत कई राजनीतिक दलों को आश्वासन दिया कि चुनाव अगले साल ही होंगे। ईसीपी के साथ बैठक के बाद एएनपी के महासचिव इफ्तिखार हुसैन ने कहा कि चुनाव आयोग ने उन्हें फरवरी के मध्य चुनाव का आश्वासन दिया है। बुधवार 30 अगस्त को राजनीतिक दलों के साथ हुई बैठक की अध्यक्षता मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सिकंदर सुल्तान राजा ने की और इसमें ईसीपी के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
चुनाव में क्यों हो रही देरी
पाकिस्तान में जहां आम चुनाव 90 दिनों के भीतर होने थे, अब यह तारीख अगले साल जनवरी आखिरी सप्ताह में या फरवरी के मध्य में चली गई है। चुनाव आयोग ने इसके पीछे की वजह का भी खुलासा किया है। चुनाव आयोग के अधिकारियों ने एएनपी नेताओं से कहा कि चुनाव से पहले नई जनसंख्या जानने के लिए परिसीमन की आवश्यकता है। इसलिए परिसीमन का काम पूरा करने के बाद ही चुनाव हो सकते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि ईसीपी किसी भी पक्ष के दबाव के आगे नहीं झुकेगी और चुनाव किसी भी हालत में फरवरी के मध्य से आगे नहीं बढ़ेंगे।
चुनाव आयोग ने कहा कि पहले से घोषित परिसीमन कार्यक्रम के तहत प्रक्रिया 120 दिनों में (14 दिसंबर तक) पूरी की जानी चाहिए। हालांकि, यह भी संभव था कि ईसीपी ने परिसीमन की समय-सीमा में कटौती की और अगले कुछ दिनों में संशोधित परिसीमन कार्यक्रम के साथ चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की। हालांकि, एएनपी प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि ईसीपी को परिसीमन कार्यक्रम की घोषणा करने से पहले राजनीतिक दलों से परामर्श करना चाहिए था।
गौरतलब है कि पाकिस्तान की नेशनल असेंबली को 9 अगस्त को भंग कर दिया गया था। नेशनल असेंबली के विघटन के बाद देश में चुनाव 90 दिनों की निर्धारित समय सीमा के भीतर होने चाहिए। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने नए चुनाव होने तक देश को चलाने के लिए अगस्त के मध्य में अनवर-उल-हक काकर को कार्यवाहक प्रधान मंत्री नियुक्त किया है।
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