भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में विधानसभा चुनाव लड़ने वाले हर उम्मीदवार को संविधान के प्रति निष्ठा और समर्पण रखने की शपथ लेनी होगी. निर्वाचन आयोग ने शपथ लेना अनिवार्य करते हुए उम्मीदवारों से इसका प्रमाण भी जमा करने को कहा है. उम्मीदवार अगर जेल में है तो जेलर और यदि विदेश में है तो भारत के हाई कमिश्नर या काउंसलर के सामने संविधान के प्रति आस्था की शपथ ले सकता है.
निर्वाचन आयोग (Election Commission) के निर्देश में साफ किया गया है कि उम्मीदवार को नामांकन पत्र (nomination letter) जमा करने के बाद और संमीक्षा की तारीख से पहले देश और संविधान (Constitution) के प्रति निष्ठा और समर्पण रखने की शपथ लेना है और शपथ लेने का प्रमाणपत्र उसे बगैर मांगे देना है. शपथ का प्रारूप रिटर्निंग अधिकारी द्वारा नामांकन पत्र के साथ ही नि:शुल्क दिया जाएगा.
यहां जानना महत्वपूर्ण है कि अभ्यर्थी रिटर्निंग अधिकारी के अलावा यदि बीमार है तो डॉक्टर के समक्ष, यदि कारागृह में है तो जेलर के समक्ष और यदि विदेश में है तो भारत के हाई कमिश्नर या काउंसलर के समक्ष या किसी अन्य प्राधिकृत अधिकारी के सामने शपथ ले सकता है.
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव (assembly elections) के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. राज्य में विधानसभा चुनावों के लिए 17 नवंबर को मतदान होना है. चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे. राज्य में चुनावों के लिए उम्मीदवारों के नामांकन की प्रक्रिया 21 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है. बीजेपी अब तक 228 और कांग्रेस 229 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर चुकी है.
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