नई दिल्ली (New Delhi) । लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) का शोर अब खत्म होने को है। 4 जून को मतगणना के साथ ही नई सरकार का चेहरा साफ हो जाएगा। मतदान के दौरान चुनाव आयोग (Election Commission) ने आचार सहिंता उल्लंघन (Code of Conduct Violations) के मामले में नेताओं पर जमकर ऐक्शन लिया। आयोग ने 14 शिकायतों में से 13 पर भाजपा, कांग्रेस समेत कई पार्टियों को नोटिस जारी किए। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के नाम भी शामिल हैं। 6 मामलों में नेताओं को फटकार लगाई तो 3 नेताओं के चुनाव प्रचार पर ही प्रतिबंध लगा दिया।
सात चरणों में मतदान के लिए ढाई महीने तक चला प्रचार अभियान 30 जून को समाप्त हो गया था। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, चुनाव आयोग ने 14 मामलों में ऐक्शन लिया, जिसमें से 13 में नोटिस जारी किए गए। एक मामले में, चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता और तेलंगाना के मंत्री कोंडा सुरेखा को सीधे तौर पर फटकार लगाई थी। इस प्रकरण में बीआरएस द्वारा आयोग को शिकायत मिली थी। जानकारी के अनुसार, सुरेखा पर बीआरएस नेता केटी रामा राव पर व्यक्तिगत हमले किए गए। उन्होंने बीआरएस नेता केटी रामा राव पर “फोन टैपिंग” का आरोप लगाया था।
पांच भाजपा नेताओं को नोटिस
चुनाव आयोग ने 14 मामलों में से पांच मामलों में भाजपा नेताओं को नोटिस जारी किए। जबकि, चार मामलों में कांग्रेस नेताओं को नोटिस जारी किए। बाकी मामलों में एक-एक टीडीपी, आप, वाईएसआरसीपी, बीआरएस और टीएमसी के खिलाफ नोटिस जारी किए गए। इन 14 मामलों को या तो सीधे चुनाव आयोग द्वारा उठाया गया था या राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा आगे बढ़ाया गया।
पीएम मोदी और राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत
पहली बार चुनाव आयोग ने आचार संहिता उल्लंघन के लिए पार्टी के स्टार प्रचारकों को सीधे नोटिस भेजने के बजाय पार्टी अध्यक्षों को नोटिस जारी किया। 25 अप्रैल को चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ शिकायतों के संबंध में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को उनके और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ शिकायतों के संबंध में नोटिस जारी किया था।
इन नेताओं को लगाई फटकार
चुनाव आयोग ने कुछ शिकायतों के आधार पर नेताओं को फटकार लगाई। इसमें भाजपा नेता और पश्चिम बंगाल से उम्मीदवार दिलीप घोष, कांग्रेस नेता सुरेखा और सुप्रिया श्रीनेत, वाईएसआरसीपी प्रमुख वाईएस जगन मोहन रेड्डी, टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू और टीएमसी नेता हुमायूं कबीर शामिल थे।
इन नेताओं के प्रचार पर रोक
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला को मथुरा से भाजपा उम्मीदवार हेमा मालिनी के बारे में की गई टिप्पणी के लिए 48 घंटे के लिए प्रचार करने से प्रतिबंधित किया गया था। दिलीप घोष और श्रीनेत के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई महिला नेताओं पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और मंडी से भाजपा उम्मीदवार कंगना रनौत के खिलाफ टिप्पणियों के कारण की गई थी। एक अन्य भाजपा उम्मीदवार और कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय को ममता पर अशोभनीय टिप्पणी के लिए 24 घंटे का प्रचार प्रतिबंध लगाया गया था।