भोपाल। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बीच विधानसभा उपचुनाव को लेकर बढ़ती राजनीतिक सक्रियता को लेकर चुनाव आयोग ने सख्ती बरतना शुरू कर दिया है। पिछले हफ्ते कलेक्टरों से रिपोर्ट मांगने के बाद अब राजनीतिक दलों से उपचुनाव को लेकर 31 जुलाई तक रिपोर्ट तलब की है। साथ ही आयोग ने सख्त हिदायत देते हुए कहा है कि कोरोना महामारी के बीच राजनीतिक दल बड़ी सभाएं करने से परहेज करें, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
आयोग ने निर्देश जारी कर कहा है कि डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 की सेफ्टी के लिहाज से दी गई गाइडलाइन का पालन किया जाए। आयोग ने महामारी के चलते मप्र में होने वाले उपचुनाव की समय सीमा नहीं बताई है। बस इतना ही कहा है कि ये उपचुनाव 2020 में कराए जाना है। मप्र में दलों ने प्रचार तो शुरू कर दिया है, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। आयोग कि इस गाइडलाइन से इस पर रोक लग सकेगी।
न भीड़ जुटाएं, न सभाएं करें
राजनीतिक दल बड़ी सभाएं करने से परहेज करें। आमतौर पर बड़े मैदानों में होने वाली सभाएं, जिसमें बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं। किसी भी सार्वजनिक स्थल पर आमसभा का आयोजन किया जाता है तो मंच पर आसीन वक्ता और नीचे बैठने वाले लोग मास्क जरूर पहनें। बगैर मास्क के मीटिंग में उपस्थिति वर्जित हो। आमसभा में सोशल डिस्टेंस का पालन कराया जाए। यानी प्रत्येक व्यक्ति के बीच 2 मीटर की दूरी होना चाहिए, जिससे संक्रमण से बचा जा सके। आमसभा का आयोजक राजनीतिक दल मीटिंग में जितने लोग भी आते हैं उनकी थर्मल स्क्रीनिंग करे। साथ ही जिस स्थल पर सभा का आयोजन किया जा रहा है उस स्थान और वहां पहुंचने वाले लोगों को सैनिटाइज किए जाने की व्यवस्था की जाए।
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