कोलकाता । भारतीय निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए (For this year’s Lok Sabha Elections) पश्चिम बंगाल में (In West Bengal) संवेदनशील बूथों की सूची (List of Sensitive Booths) अविलंब मांगी (Sought Immediately) ।
राज्य सरकार के सूत्रों ने कहा कि चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले ही सूची की मांग करना एक स्पष्ट संकेत है कि चुनाव से बहुत पहले राज्य के विभिन्न हिस्सों में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की तैनाती होगी। पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि आयोग ने उन बूथों का विवरण भी मांगा है जिन्हें 2019 के लोकसभा चुनावों और 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में संवेदनशील घोषित किया गया था।
यह घटनाक्रम महत्वपूर्ण है क्योंकि चुनाव तैयारियों के संबंध में स्थिति का जायजा लेने के लिए ईसीआई की पूर्ण पीठ मार्च के पहले सप्ताह में पश्चिम बंगाल का दौरा करेगी। नवीनतम कार्यक्रम के अनुसार, पूर्ण पीठ 4 मार्च को आएगी और अगले दिन उनके प्रतिनिधि राज्य के शीर्ष नौकरशाहों तथा पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।
राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा, “संभवतः, पूर्ण पीठ संवेदनशील बूथों के विवरण के साथ चुनाव तैयारियों पर राज्य की प्रशासनिक मशीनरी के साथ चर्चा शुरू करना चाहती है, और आयोग ने तुरंत इस संबंध में सूची मांगी है।”
हाल ही में दो ऐसे घटनाक्रम हुए हैं जिनसे यह स्पष्ट है कि आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर पश्चिम बंगाल ईसीआई की विशेष निगरानी में है। सबसे पहले, आयोग ने लोकसभा चुनावों के लिए पश्चिम बंगाल में केंद्रीय सशस्त्र बलों की 920 कंपनियों की तैनाती की मांग की है, जो किसी भी दूसरे राज्य से अधिक है। दूसरे, आयोग ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए नोडल अधिकारी के लिए राज्य सरकार की पहली पसंद को खारिज कर दिया है।
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