नई दिल्ली। भारतीय निर्वाचन आयोग आरपी अधिनियम 1951 की धारा 29ए और 29सी का अनुपालन न करने के लिए 2100 से अधिक पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के खिलाफ श्रेणीबद्ध कार्रवाई करेगा। भारत के चुनाव आयोग ने आरपी अधिनियम 1951 की प्रासंगिक धारा 29ए और 29सी के लिए पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों द्वारा उचित अनुपालन लागू करने के लिए कार्रवाई शुरू की है।
आयोग का कहना है कि उक्त अधिनियम में शर्तों और विनियमों का अनुपालन वित्तीय अनुशासन, सार्वजनिक जवाबदेही और पारदर्शिता बनाए रखने के साथ मतदाताओं को निर्णय लेने के लिए सशक्त बनाने के लिए आवश्यक है। राजनीतिक पार्टियों को विधानसभा चुनाव खत्म होने के 75 दिन और लोकसभा चुनाव खत्म होने के 90 दिन के भीतर चुनावी खर्च का ब्योरा देना अनिवार्य होता है।
चुनाव आयोग ने 2100 से अधिक राजनीतिक पार्टियों में से 2056 ऐसी हैं जो कि एनुअल ऑडिट एकाउंट को भरने में असमर्थ रही हैं। किसी ने पैन की जानकारी नहीं दी है तो किसी ने बैंक अकाउंट के बारे में नहीं बताया है। इसके अलावा कई पार्टियां ऐसी भी जिन्होंने चुनाव आयोग को यह नहीं बताया कि उन्हें डोनेशन कहा से मिला, उनके पास कितनी संपति है, कितना खर्च हुआ है। चुनाव आयोग ने ऐसी पार्टियों के बारे में पूरी जानकारी अपनी वेबसाइट पर डाल दिया है। चुनाव में खर्च का ब्योरा नहीं देने की सूची में कुल 100 राजनीतिक पार्टियां शामिल हैं।
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