मुंबई (Mumbai) । NCP यानी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दो गुटों की लड़ाई में अब चुनाव आयोग (election Commission) भी सक्रिय हो गया है। बुधवार को ही ECI ने भतीजे अजित पवार (Ajit Pawar) की याचिका पर चाचा शरद पवार को नोटिस भेजा है। जुलाई की शुरुआत में ही अजित गुट ने अलग होकर भारतीय जनता पार्टी-शिवसेना सरकार में शामिल होने का फैसला कर लिया था। उन्हें राज्य का उपमुख्यमंत्री बनाया गया है।
अजित गुट की ओर से कहा गया था कि अजित को एनसीपी का अध्यक्ष घोषित किया जाए। साथ ही पार्टी का चुनाव चिह्न घड़ी भी आवंटित करने का अनुरोध किया था। अजित गुट की ओर से भारत निर्वाचन आयोग के सामने 30 जून याचिका दाखिल की गई थी। अब 2 जुलाई को उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद उनका नोटिस 5 जुलाई को चुनाव आयोग के पास पहुंचा।
एक मीडिया रिपोर्ट में एनसीपी के महाराष्ट्र प्रमुख जयंत पाटिल के हवाले से नोटिस की बात की पुष्टि की गई है। पाटिल ने कहा, ‘हमें शोकॉज नोटिस मिला है और हमें 30 दिनों के अंदर जवाब देना है।’ खास बात है कि अटकलें ये भी लग रही हैं कि खुद पाटिल भी सीनियर पवार का साथ छोड़कर अजित गुट का हिस्सा बन सकते हैं। हालांकि, अब तक इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।
अजित गुट की ओर से याचिका के साथ 40 सांसदों, विधायकों और एमएलसी के हलफनामे भी चुनाव आयोग को भेजे गए थे, जो अजित पवार की कप्तानी का समर्थन कर रहे थे। उनका दावा था कि ऐसे में अजित गुट का ही पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर कानूनी दावेदारी सही है। एनसीपी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है, ‘ऐसा लगता है कि चुनाव आयोग ने शरद पवार समूह को नोटिस भेजा है, तो अब तनाव बढ़ेगा।… अजित पवार ने अपने चाचा के खिलाफ आगे बढ़ने की तैयारी कर ली है।’
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved