नई दिल्ली. महाराष्ट्र और झारखंड (Maharashtra-Jharkhand) का चुनावी बिगुल (Election bugle) आज बजने वाला है. चुनाव आयोग (election Commission) आज महाराष्ट्र और झारखंड के चुनावों को लेकर 3.30 बजे तारीखों का ऐलान करने जा रहा है. चुनाव आयोग ने बकायदा पत्र जारी कर बताया है कि राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में दोपहर 3.30 बजे प्रेस कांफ्रेंस होगी, जिसमें चुनाव और मतगणना की तारीख का ऐलान किया जायेगा. चुनाव आयोग आज उत्तर प्रदेश(UP) की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है.
महाराष्ट्र और झारखंड दोनों ही राज्यों का राजनीतिक माहौल इस समय गर्माया हुआ है. ये चुनाव राज्यों के अलावा राष्ट्रीय राजनीति पर भी असर डालने वाला है. महाराष्ट्र की बात की जाये तो यहां इस समय शिवसेना के नेतृत्व वाली एकनाथ शिंदे की सरकार है, जिन्होंने पुरानी शिवसेना से बागवत करने के बाद बीजेपी से हाथ मिलाया था और राज्य में सरकार बनाई थी. इस सरकार में एनसीपी का अजित गुट भी शामिल है.
किस पर भरोसा जताएंगे महाराष्ट्र के मतदाता?
इस चुनाव में देखना दिलचस्प होगा कि क्या महाराष्ट्र के मतदाता वर्तमान (शिंदे सरकार) सरकार पर अपना भरोसा एक बार फिर जताते हैं या फिर शिवसेना (उद्धव गुट), एनसीपी (शरद गुट) और कांग्रेस को सरकार बनाने का मौका मिलता है.
सियासी खटपट के बाद MVA ने बनाई थी सरकार
महाराष्ट्र में विधानसभा के 288 सदस्यों को चुनने के लिए मतदान होना है. राज्य में पिछला विधानसभा चुनाव अक्टूबर 2019 में हुआ था, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन एनडीए को सरकार बनाने के लिए स्पष्ट बहुमत मिला था, लेकिन आंतरिक कलह के कारण, शिवसेना ने गठबंधन (एनडीए) छोड़ दिया था और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ एक नया गठबंधन बनाया था. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भी एमवीए में शामिल होकर यहां राज्य सरकार बनाई थी, जिसमें उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने थे.
अभी महाराष्ट्र में शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार
2022 में महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट के बाद एकनाथ शिंदे ने 40 विधायकों के साथ बीजेपी के साथ सरकार बनाई. जिसके बाद एकनाथ शिंदे नए मुख्यमंत्री बने थे. 2023 के राजनीतिक संकट के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का अजित पवार गुट भी सरकार में शामिल हो गया था.
झारखंड की 81 विधानसभा सीटों पर चुनाव
झारखंड की बात करें तो यहां विधानसभा चुनाव राज्य की सभी 81 सीटों पर होना है. झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को समाप्त होने वाला है. राज्य में पिछला विधानसभा चुनाव दिसंबर 2019 में हुआ था.
यूपी में 10 सीटों पर उपचुनाव
यूपी में जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें मैनपुरी की करहल, कानपुर की सीसामऊ, प्रयागराज की फूलपुर, अंबेडकरनगर की कटेहरी, मिर्जापुर की मझवां, अयोध्या की मिल्कीपुर, गाजियाबाद सदर, अलीगढ़ की खैर, मुजफ्फरनगर की मीरापुर और मुरादाबाद की कुंदरकी सीट शामिल है.
इस उपचुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस मिलकर लड़ रही है, हालांकि अब तक दोनों दलों के बीच सीटों का समझौता सामने नहीं आया है. सपा ने इसके लिए छह सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी है. अभी चार सीटें बची हुई हैं और इनमें से एक या दो सीटों पर कांग्रेस अपने प्रत्याशी उतार सकती है.
वहीं अगर बीजेपी की बात करें तो सत्ताधारी दल राज्य की 10 में से 9 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है, जबकि एक सीट अपने सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकदल के लिए छोड़ सकती है. कहा जा रहा है कि हाल ही में बीजेपी की बैठक में तय हुआ है कि मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट, जोकि पहले आरएलडी के पास ही थी, वो जयंत चौधरी की पार्टी के लिए छोड़ी जा सकती है. दरअसल आरएलडी के चंदन चौहान ही इस सीट से विधायक थे, लेकिन बिजनौर से सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने मीरापुर सीट छोड़ दी थी.
कौन सीट किसके इस्तीफे से हुई खाली?
करहल सीट से सपा मुखिया अखिलेश यादव विधायक थे, कन्नौज से सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. कानपुर की सीसामऊ सीट पर सपा विधायक इरफान सोलंकी को अयोग्य घोषित कर दिया गया था. प्रयागराज की फूलपुर सीट बीजेपी के पास थी, उनके विधायक प्रवीण पटेल सांसद चुने जा चुके हैं, जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. कटेहरी सीट से विधायक लालजी वर्मा अंबेडकर नगर से, मिल्कीपुर सीट से विधायक अवधेश प्रसाद अयोध्या से, कुंदरकी सीट से विधायक जियाउर्रहमान बर्क संभल से, अलीगढ़ की खैर सीट से विधायक अनूप प्रधान हाथरस से, गाजियाबाद सदर से विधायक अतुल गर्ग गाजियाबाद से, मझवां विधायक भदोही से और मीरापुर से विधायक चंदन चौहान बिजनौर से सांसद चुने जा चुके हैं.
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