उज्जैन। सीएम शिवराज सिंह की महत्वाकांक्षी तीर्थ दर्शन योजना में अब प्रदेश के हर शहर से तीर्थ यात्री रखना अनिवार्य होगा। इसके तहत कलेक्टर्स को जिम्मेदारी दी गई है कि तीर्थ यात्रा का पूरा प्लान व आवेदन इस प्रकार से हों कि हर निकाय और विकासखंड से तीर्थ यात्री शामिल हो सकें। ऐसा पूरी योजना के तहत होगा, न कि किसी एक यात्रा के तहत। इसके अलावा इसी महीने से रामेश्वरम और द्वारका से तीर्थ यात्रा का आगाज होगा। इस साल तीर्थ दर्शन योजना को अपडेट किया है। इसके तहत कई नई व्यवस्थाएं इस बार से शामिल की जा रही हैं। इसमें हवाई जहाज के जरिए यात्रा भी शामिल है। बुजुर्गों को इससे हवाई यात्रा का लुत्फ भी मिल सकेगा और यात्रा भी ज्यादा सहज और सरल हो जाएगी।
4 माह का शेड्यूल
सरकार 21 जनवरी से तीर्थ यात्रा का आगाज करेगी। इसका चार माह का शेड्यूल घोषित किया गया है। इसके तहत ही यात्रा में हर निकाय से यात्री को शामिल करने के निर्देश हैं, ताकि योजना का दायरा निचले व छोटे शहरों-कस्बों तक भी हो सके। 21 जनवरी को रामेश्वरम और 24 को द्वारका के लिए यात्रा का आगाज होगा। इस शेड्यूल में जगन्नाथ पुरी के लिए 3 मार्च 2023 को आखिरी तीर्थ यात्रा ट्रेन निकलेगी। इस दौरान कुल 20 यात्राएं चार महीने में होंगी।
भजन मंडली भजन संध्या भी हो
यात्रा का शेड्यूल इस प्रकार तैयार किया जाना है कि ट्रेन में भजन मंडली हों और जहां यात्रा का ठहराव हो वहां भजन संध्या भी हो। कोरोना के मद्देनजर प्रोटोकॉल का पालन भी अनिवार्य किया गया है। वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट अनिवार्य रहेगा। बाकी मौसम के अनुरूप निजी सामान ले जाने के लिए भी निर्देशित किया गया है।
योजना मोडीफाई
तीर्थ यात्रा को लेकर सीएम खुद व्यवस्थाओं को लेकर नजर भी रखेंगे। दरअसल, इस योजना ने उनकी श्रवण कुमार की छवि को उभारा था। योजना जून-2012 में लॉन्च की गई थी, जिससे शिवराज के लोकप्रियता के ग्राफ में काफी बढ़ोत्तरी हुई। इसके चलते इस कार्यकाल में इस योजना को मोडीफाई किया गया है।
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