• img-fluid

    El Nino Effect: दुनियाभर में तबाही मचाएगी गर्मी, जानें भारत पर होगा कितना असर

  • April 23, 2023

    नई दिल्ली (New Delhi)। दुनियाभर में अल निनो के असर (El Nino Effect) से तापमान में तेजी (temperature rise) के संकेत हैं। यूरोपीय संघ (European Union) के कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (सीसीसीएस) (Copernicus Climate Change Service (CCCS)) के अनुसार प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) में तीन साल तक ला नीना के प्रभाव के बाद अल नीनो की वापसी के संकेत मिल रहे हैं। क्लाइमेट मॉडल के जरिए मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ला नीना के कारण वैश्विक तापमान में दर्ज की गई गिरावट अल नीनो के कारण तेज हो सकती है। कयास लगाया जा रहा है कि वर्ष 2023 और 2024 में दुनियाभर में न्यूनतम तापमान का रिकॉर्ड टूट सकता है। वैश्विक तापमान में 1.2 डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी देखी जा चुकी है। अनुमान है कि अल नीनो के प्रभाव से वैश्विक तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सिय तक की बढ़ोतरी संभव है।

    भारत में भी इसको लेकर चिंता बढ़ी
    भारतीय मौसम विभाग (India Meteorological Department) (आईएमडी) का अनुमान है कि भारत (India) में मानसून के दौरान अल नीनो की संभावना 70 फीसदी तक है। जून- जुलाई और अगस्त में इसका प्रभाव ज्यादा दिख सकता है। कृषि मंत्रालय और आईएमडी के अनुसार वर्ष 2001 से 2020 के बीच देश में नौ साल ऐसे रहे हैं जब अल नीनो का प्रभाव देखने को मिला है। इसमें से चार साल 2003, 2005, 2009-10 और 2015-16 में देश में सूखे का दंश भी झेला है। ऐसे में ये चिंता का वर्ष हो सकता है।


    बारिश के स्तर में बड़ी गिरावट संभव
    यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड के अर्थ सिस्टम के मौसम वैज्ञानिक प्रोफेसर रघु मुर्तुगुड्डे का अनुमान है कि भारत में अल- नीनो का प्रभाव तेज होता है तो मानसून में होने वाली बारिश में 15 फीसदी तक की गिरावट संभव है। इसी तरह दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत द्वीप वाले देशों में गर्मी से हालात बिगड़ सकते हैं। दुनिया के कई बड़े मुल्कों में सूखे और बारिश के अभाव के कारण स्थितियां तेजी के साथ बिगड़ सकती हैं।

    अगले साल भी सता सकती है गर्मी
    सीसीसीएस के निदेशक कार्लो बुऑनटेंपो का कहना है कि अल नीनो का सीधा संबध वैश्विक तापमान में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी से होता है। वर्ष 2023 और 2024 में ऐसी स्थितियां बनेंगी या नहीं अभी कुछ स्पष्ट नहीं है। उम्मीद है कि ऐसा न हो। हालांकि क्लाइमेट मॉडल से पता चलता है कि अल नीनो का प्रभाव गर्मी के अंत में तेज होता दिखेगा और साल के अंत तक इसका असर दुनिया के तापमान पर दिख सकता है।

    मौसमी दुष्प्रभाव का दायरा बढ़ेगा
    इंपीरियल कॉलेज लंदन के ग्रैंथम इंस्टीट्यूट की मौसम विज्ञानी फ्रेडरिक ओट्टो का कहना है कि अल नीनो के कारण तापमान में तेजी से जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव का दायरा बढ़ेगा। दुनिया के जो देश पहले से ही हीट वेव, सूखा और जंगलों में आग की घटनाओं से जूझ रहे हैं उनके लिए इससे निपटना नई चुनौती होगी। अल नीनो के प्रभाव से 2016 में पड़ी गर्मी 2023 में रिकॉर्ड तोड़ देगी। इसकी एक बड़ी वजह जीवाश्म ईंधनों का बढ़ता प्रयोग भी है।

    भविष्य के लिए ये खतरे की घंटी
    वर्ष 2016 में अल नीनो के तेज प्रभाव के कारण वैश्विक तापमान में रिकॉर्ड तोड़ तेजी देखने को मिली थी। अल नीनो का प्रभाव जब नहीं रहा तो भी जलवायु परिवर्तन के कारण दुनियाभर के तापमान में पारे की चाल तेज होती दिख रही है। ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में लगातार बढ़ोतरी के कारण वैश्विक स्तर पर गर्मी का स्तर बढ़ रहा है। यही कारण है कि बीते आठ साल सबसे अधिक गर्म रिकॉर्ड किए गए हैं जो भविष्य के लिए खतरे की घंटी का संकेत है।

    पिघलते ग्लेशियर के लिए नया खतरा
    दुनियाभर के ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं। अल-नीनो के कारण गति बढ़ सकती है। इससे तापमान में बेतहाशा बढ़ोतरी संभव है। वैज्ञानिक अल नीनो का असर जानने के लिए बूई नामक वैज्ञानिक वस्तु का प्रयोग करते हैं। ये महासागर के पानी के बीच में तैरता है। ये महासागर के साथ हवा का तापमान, हवा की गति और आद्रता की गणना करता है। बुई द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के आधार पर ही मौजूदा समय में अल नीनो की वापसी के कयास लग रहे हैं।

    गर्मी बढ़ने के चार प्रमुख संकेत
    1.अल नीनो के असर से भूमध्य रेखा और पश्चिम की ओर बहने वाली हवा धीमी हो जाती है।
    2.गरम पानी पूर्व की तरफ बढ़ता है जिससे महासागरों के सतह के तापमान में तेजी आती है।
    3.तापमान में तेजी के साथ बारिश का अभाव होने से न्यूनतम तापमान में तेजी से बढ़ोतरी।
    4.अल नीनो के प्रभाव के कारण हवा की गति प्रभावित होती है जिससे गर्मी और बढ़ती है।

    अल नीनो का दुष्प्रभाव
    1.अल नीनो के प्रभाव से भारत और ऑस्ट्रेलिया में सूखे जैसी स्थिति का जोखिम ज्यादा।
    2.समुद्र की सतह में गर्मी बढ़ने से जलीय जीवों के जीवन को सबसे बड़ी क्षति होती है।
    3.अल नीनो के प्रभाव के कारण फसलों की पैदावार में भी गिरावट दर्ज की जाती रही है।
    4.तापमान में तेजी के साथ बारिश का संकट होने से स्थितियां तेजी से बिगड़ने लगती हैं।

    Share:

    देश में जल्द समान नागरिक संहिता लागू करने की योजनाः कानून मंत्री रिजिजू

    Sun Apr 23 , 2023
    नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Union Law Minister Kiren Rijiju) ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार (Central government) जल्द ही यूनिफॉर्म सिविल वोड (यूसीसी) (Uniform Civil Code (UCC)) को लागू करने की योजना बना रही है। भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party-भाजपा) नेता ने कहा, “भारतीय संविधान के अनुच्छेद 44 […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    सोमवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved