मुंबई: महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे-भाजपा सरकार ने विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया है. शिंदे सरकार के समर्थन में 164 वोट पड़े. उद्धव गुट की शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा के महा विकास अघाड़ी गठबंधन के पक्ष में 99 वोट पड़े. सदन में मौजूद 3 सदस्यों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया. इस तरह उद्धव ठाकरे गुट के हाथ निराशा लगी है. फ्लोर टेस्ट से पहले उद्धव गुट के 2 और विधायक शिंदे खेमे में शामिल हो गए. आपको बता दें कि शिंदे सरकार में भाजपा भी शामिल है, जिसके 106 विधायक हैं. इसके अलावा शिंदे गुट में शिवसेना के 40 बागी विधायक शामिल थे. कुछ निर्दलीय और छोटे दलों ने भी शिंदे सरकार का समर्थन किया.
कलमनुरी से शिवसेना विधायक संतोष बांगड़ ने शिंदे सरकार का समर्थन किया. विपक्षी बेंच पर बैठे विधायकों ने उनकी जमकर हूटिंग की. बांगर कल तक शिवसेना के उद्धव ठाकरे खेमे में थे और आज विधानसभा में बहुमत परीक्षण के दौरान एकनाथ शिंदे खेमे में चले गए. लोहा से शिवसेना विधायक श्यामसुंदर शिंदे विश्वास मत से ठीक पहले एकनाथ शिंदे समूह में शामिल हो गए. दो और विधायकों के शिंदे गुट में चले जाने के बाद उद्धव ठाकरे खेमे में अब सिर्फ 14 विधायक बचे हैं, जिन्हें अयोग्यता की कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.
दरअसल, विश्वास मत पर वोटिंग से एक दिन पहले उद्धव ठाकरे गुट को उस वक्त बड़ा झटका लगा, जब महाराष्ट्र विधानसभा के नवनियुक्त अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने रविवार रात शिवसेना विधायक दल के नेता के रूप में अजय चौधरी की नियुक्ति को खारिज कर दिया. स्पीकर राहुल नार्वेकर के कार्यालय द्वारा जारी एक पत्र के मुताबिक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को शिवसेना विधायक दल के नेता के रूप में बहाल किया गया. वहीं, उद्धव ठाकरे गुट के सुनील प्रभु को हटाकर, शिंदे खेमे के भरत गोगावले को शिवसेना का मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया. उद्धव गुट ने स्पीकर के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी.
उद्धव ठाकरे गुट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि नवनियुक्त अध्यक्ष के पास व्हिप को मान्यता देने का कोई अधिकार नहीं है और उनकी कार्रवाई शीर्ष अदालत के समक्ष विचाराधीन मामले की यथास्थिति को बदल रही है. अदालत ने याचिका स्वीकार तो कर ली, लेकिन फौरी सुनवाई न करते हुए 11 जुलाई की तारीख दे दी. अब शिंदे गुट की ओर से नियुक्त शिवसेना के मुख्य सचेतक भरत गोगावले ने स्पीकर के यहां याचिका दायर कर पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने के आरोप में उद्धव खेमे के 16 विधायकों को निलंबित करने की मांग की है. स्पीकर राहुल नार्वेकर के कार्यालय ने बताया कि गोगावले की याचिका स्वीकार कर ली गई है और जल्द ही उद्धव गुट के 16 विधायकों को ‘निलंबन का नोटिस’ जारी किया जाएगा.
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