मुंबई । महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Elections) में सहयोगी दलों को उनकी मर्जी के अनुसार सीटें देने के साथ भाजपा ने स्पष्ट(The BJP has made it clear) कर दिया है कि अगली बार सत्ता (next time power)में आने पर मुख्यमंत्री सबसे ज्यादा सीटें (Chief Minister with the most seats)जीतने वाले दल का ही होगा। यह भी स्पष्ट है कि भाजपा की तरफ से देवेंद्र फडणवीस इसके दावेदार होंगे। भाजपा और महायुति गठबंधन के अन्य दलों ने चुनाव में मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा नहीं की है, लेकिन चुनाव गठबंधन में शिवसेना नेता और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ ही लड़ा जा रहा है।
दो दिन पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे और एनसीपी नेता उपमुख्यमंत्री अजित पवार और भाजपा नेता फडणवीस के साथ लंबी चर्चा की थी। इस बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। राज्य में भाजपा ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ रही है और उसके ज्यादा सीट जीतने की उम्मीद है, ऐसे में भाजपा ने संकेतों के जरिये साफ कर दिया है कि गठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री उसी का होगा। क्योंकि भाजपा फडणवीस के नेतृत्व में चुनावी मैदान में है, इसलिए पहले भी मुख्यमंत्री रह चुके फडणवीस गठबंधन की जीत के बाद फिर मुख्यमंत्री हो सकते हैं।
चुनाव के बाद अंतिम फैसला सूत्रों के अनुसार फॉर्मूले की ही वजह से भाजपा के दोनों सहयोगी दलों ने ज्यादा सीटों की मांग की है। अगर भाजपा का प्रदर्शन खराब रहता है और कम सीटें जीतती है तो सहयोगी दलों के तरफ से भी मुख्यमंत्री पद की दावेदारी की जा सकती है। हालांकि, इसमें एक बात जरूर छोड़ी गई है कि चुनाव बाद की राजनीतिक स्थितियों को ध्यान में रखकर गठबंधन फैसला करेगा, जो सबको स्वीकार होगा।
अगर भाजपा गठबंधन कुछ कमजोर पड़ता है और जोड़-तोड़ की जरूरत पड़ती है या नए समीकरण बनते हैं तब हालात बदल सकते हैं। अभी जो तय किया गया है वह मौजूदा चुनाव को देखते हुए है। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन फिर से राज्य में अपनी सरकार बनने का दावा कर रहा है।
भाजपा की दूसरी सूची में 22 नाम
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने शनिवार को 22 उम्मीदवारों की अपनी दूसरी सूची जारी की। इसमें छह मौजूदा विधायकों को बरकरार रखा गया और दो को हटा दिया गया। पार्टी ने अब तक 121 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है। भाजपा की ओर से शनिवार को जारी की गई दूसरी सूची में वाशिम और गढ़चिरौली के मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया है। अकोट, नासिक सेंट्रल, पेन, खड़कवासला, पुणे कैंट और उल्हासनगर के विधायकों को फिर से मौका मिला है। पार्टी ने विधान परिषद के दो सदस्य गोपीचंद पडलकर को जाट से और रमेश कराड को लातूर ग्रामीण से मैदान में उतारा है।
फॉर्मूले पर गठबंधन तैयार
शिवसेना (शिंदे) और एनसीपी (अजित गुट) को इस फॉर्मूले से कोई दिक्कत नहीं है। सूत्रों के अनुसार अजित का पहले से ही मानना है कि मुख्यमंत्री पद उनके हिस्से में नहीं आएगा और वह उपमुख्यमंत्री ही रहेंगे। लेकिन, शिवसेना का दबाव है कि शिंदे को ही आगे रखा जाए, ताकि राज्य के सामाजिक समीकरणों को साधकर रखा जा सके, लेकिन भाजपा अब स्थिति बदलना चाहती है। शिंदे को जब मुख्यमंत्री बनाया गया था तब के हालात कुछ और थे। अब भाजपा पहले भी मुख्यमंत्री रह चुके फडणवीस को गठबंधन की जीत के बाद फिर मुख्यमंत्री बना सकती है।
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