मुंबई । महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने सोमवार को सार्वजनिक रूप से कहा कि शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ उनकी हालिया ‘बगावत’ के पीछे भाजपा (BJP) की सक्रिय भूमिका थी। शिंदे ने कहा कि गुजरात से गुवाहाटी जाने के बाद वह फडणवीस से तब मिलते थे, जब उनके गुट के विधायक सो रहे होते थे, लेकिन वह विधायकों के जागने से पहले (गुवाहाटी) लौट आते थे। सदन में विश्वास मत हासिल करने के बाद राज्य विधानसभा में शिंदे की टिप्पणी से साफ हो गया कि भाजपा नेता और मौजूदा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) इस दौरान शिंदे के नेतृत्व वाले समूह की गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल थे।
क्या शिंदे ने गुवाहाटी से गुजरात पहुंचकर फडणवीस के साथ गुप्त बैठक की थी?
शिंदे गुट के विधायक पिछले महीने के अंत में गुवाहाटी के एक लग्जरी होटल में डेरा डाले हुए थे। लेकिन ऐसी खबरें थीं कि शिंदे ने गुवाहाटी से गुजरात पहुंचकर फडणवीस के साथ गुप्त बैठक की थी। खबरों में दावा किया गया कि भोर होने से पहले शिंदे गुवाहाटी स्थित होटल में वापस आ गए, जहां वह 40 विधायकों के साथ डेरा डाले हुए थे। शिंदे ने कहा, “हमारी संख्या कम थी (भाजपा की तुलना में), लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने हमें आशीर्वाद दिया। मोदी साहब ने शपथ ग्रहण से पहले मुझसे कहा था कि वह मेरी हरसंभव मदद करेंगे। अमित शाह साहब ने कहा कि वह हमारे पीछे चट्टान की तरह खड़े रहेंगे।’’
शिंदे के खुलासे पर शर्माते दिखे फडणवीस
शिंदे ने फडणवीस की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘लेकिन सबसे बड़े कलाकार तो यह हैं।’’ शिंदे ने कहा, ‘‘हम तब मिलते थे जब मेरे साथ के विधायक सो रहे होते थे और उनके जागने से पहले (गुवाहाटी) लौट आता था।’’ शिंदे के इस खुलासे से फडणवीस साफ तौर पर शर्माते दिखे। शिंदे ने फडणवीस की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘कोई नहीं जानता कि वह क्या करेंगे और कब करेंगे।’’
शिवसेना में चौथी फूट के बाद महाराष्ट्र में अब शिंदे राज
महाराष्ट्र में एक सप्ताह से अधिक समय से चल रही राजनीतिक उथल-पुथल को समाप्त करते हुए शिंदे ने 30 जून को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। हालांकि सभी को यही उम्मीद थी कि महाराष्ट्र का सीएम देवेंद्र फडणवीस को बनाया जाएगा और उपमुख्यमंत्री का पद एकनाथ शिंदे संभालेंगे। लेकिन शिंदे को सीएम पद की शपथ दिलाई गई। लोगों को थोड़ा आश्चर्य भी हुआ। फड़णवीस के सरकार में शामिल ना होने से कई सवाल उठने लगे थे, जिसको पार्टी के केंद्रिय नेतृत्व ने एक दम संभाल लिया और नेतृत्व के कहने पर फड़णवीस ने भी महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के तौर शपथ ली। खैर जो भी हो आखिर शिंदे शिवसेना से बगावत कर महाराष्ट्र के सिंहासन तक पहुंच ही गए।
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