मुंबई (Mumbai) । महाराष्ट्र (maharashtra) कैबिनेट विस्तार (cabinet expansion) को लेकर स्थिति अब तक साफ नहीं हो सकी है। अब अटकलें हैं कि मंत्रालयों (Ministries) के बंटवारे में अभी और देर हो सकती है। साथ ही कहा जा रहा है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के गुट को मिलने वाले संभावित मंत्रालयों के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) की अगुवाई वाली शिवसेना (Shiv Sena) में नाराजगी का दौर जारी है, जिसमें करीब 22 विधायक विरोध के सुर उठा सकते हैं। इधर, उप मुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) दिल्ली पहुंचे हैं।
वित्त चाहें पवार?
अजित, प्रफुल्ल पटेल और हसन मुश्रीफ दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करने वाले हैं। हालांकि, एनसीपी नेता इसे ‘शिष्टाचार बैठक’ ही बता रहे हैं। एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि अजित को NDA यानी नेशनल डेमोक्रेटिक सरकार में शामिल किए जाने से पहले ही वित्त मंत्रालय देने का वादा किया गया था। फिलहाल, इसे लेकर किसी भी पार्टी ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है।
शिवसेना में खलबली क्यों
कहा जा रहा है कि शिवसेना को लग रहा था कि एनसीपी को शामिल करने के लिए भाजपा के मंत्रालयों में फेरबदल किए जाएंगे, लेकिन फिलहाल स्थिति अलग ही बनती दिख रही है। इस दौरान शिंदे कैंप के मंत्रियों के पद में भी बदलाव हो सकते हैं। कहा जा रहा है कि इससे करीब 22 विधायकों चिंतित हो गए हैं। मुख्यमंत्री शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने अपने नेताओं के साथ कैबिनेट विस्तार को लेकर कई लंबी बैठकें भी की हैं।
सारा मुद्दा वित्त का ही तो है!
महाविकास अघाड़ी यानी MVA सरकार में अजित वित्त मंत्री भी थे। जून-जुलाई 2022 में हुई उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना में बगावत के दौरान एनसीपी भी एक बड़ा कारण बनकर सामने आई थी। आरोप लगाए जा रहे थे कि अजित की तरफ से उन्हें फंड नहीं मिलते थे। वहीं, एनसीपी विधायकों को हमेशा तरजीह दी जाती थी।
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