नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में तनातनी को लेकर आज भारत और चीन के बीच एक बार फिर कोर कमांडर स्तर की बातचीत हो रही है। कोर कमांडर स्तर की ये बैठक चुशूल में होगी। इस बीच भारत ने ये साफ कर दिया है कि संप्रभुता और अखंडता से कोई समझौता मंजूर नहीं होगा। भारतीय टीम की अगुवाई लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन करेंगे।
गौरतलब है कि भारत-चीन सीमा विवाद की वजह से लद्दाख की ऊंची चोटियों पर सेना के जवानों की तैनाती अब भी बनी हुई है। इस तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के कोर कमांडरों के बीच संवाद का सिलसिला जारी है। आज चुशूल में कोर कमांडर स्तर की आठवें दौर की बातचीत हो रही है। बैठक में सीमा विवाद के समाधान पर चर्चा होनी है।
चीन ने कुछ इलाकों से हथियार और टैंक वापस लेने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि सभी विवादित इलाकों से चीनी सेना की पूरी तरह वापसी चाहता है। भारत ने फिर दोहराया है कि भारत शांति प्रिय देश है लेकिन ये अपनी संप्रभुता और अखंडता के लिए किसी भी तरह की कुर्बानी देने के लिए तैयार है।
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले 6 महीने से तनातनी का माहौल है। दोनों तरफ से बड़ी तादाद में सेना की तैनाती लगातार बनी हुई है। सेना के कोर कमांडरों की सात दौर की बातचीत में इन इलाकों को लेकर अभी तक कोई सहमति नहीं बन सकी है। आज दोनों देशों के बीच आठवें दौर की बातचीत होगी।
वार्ता में भारतीय प्रतिनिधि मंडल की अगुवाई लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन करेंगे, जिन्हें हाल ही में लेह की 14वीं कोर का कमांडर नियुक्त किया गया था। सैन्य वार्ता पूर्वी लद्दाख के चुशुल में होगी। दोनों पक्ष पूर्वी लद्दाख में अप्रैल-मई महीने से चल रहे सैन्य तनाव को लेकर वार्ता करेंगे। दोनों पक्ष विवाद के समाधान और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने पर बात करेंगे।
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