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    आठ साल की निकोल ने खोजे 18 स्पेस रॉक, सपना है खुद का रॉकेट बनाना

  • October 02, 2021

    वाशिंगटन। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी american space agency (NASA) के साथ जुड़ ब्राजील की आठ वर्षीय बच्ची निकोल ऑलिवेरिया (Brazilian eight-year-old Nicole Oliveria) ने कीर्तिमान रच दिया है। निकोल ऑलिवेरिया (Nicole Oliveria) नासा (NASA) के उस कार्यक्रम के साथ जुड़ी हैं जिसमें एस्टेरॉयड्स (क्षुद्र ग्रह) की तलाश की जा रही है। निकोल ऑलिवेरिया (Nicole Oliveria) अपनी इस कामयाबी की बदौलत दुनिया की सबसे युवा खगोल वैज्ञानिक (Became the world’s youngest astronomer) बन गई हैं।
    नासा (NASA) के एस्टेरॉयड हंटर कार्यक्रम से जुड़ने वाली निकोल अपने वैज्ञानिक कौशल के जरिए 18 स्पेस रॉक्स की खोज कर चुकी हैं। नासा अपने एस्टेरॉयड हंटर कार्यक्रम से बच्चों को जोड़कर उनके वैज्ञानिक कौशल को तराशता है जिससे भविष्य में ये बच्चे अंतरिक्ष की दुनिया में बेहतर कर सकें।



    परिवार ने बताया कि निकोल को बचपन से ही अंतरिक्ष की दुनिया में रुचि है। सात साल की उम्र में उन्हें टेलीस्कोप दिया गया था। इसके बाद रात होते ही वे अंतरिक्ष की दुनिया को निहारने लग जाती थीं।

    टूट जाएगा इटली के वैज्ञानिक का रिकॉर्ड
    निकोल ने जिन 18 स्पेस रॉक की पहचान की है उसकी एस्टेरॉयड (क्षुद्र ग्रह) के रूप में पुष्टि होने में समय लगेगा। अगर वे कामयाब होती हैं तो वे दुनिया की सबसे युवा खगोल वैज्ञानिक होंगी, जिसने इतनी कम उम्र में 18 एस्टेरॉयड का पता लगाया है। यही नहीं निकोल इटली के खगोल वैज्ञानिक लुईगी सानिनो का भी रिकॉर्ड तोड़ देंगी, जिन्होंने 1998 और 1999 में 18 वर्ष की उम्र में अंतरिक्ष में दो एस्टेरॉयड की खोज की थी।

    एरो स्पेस इंजीनियर बनने का है सपना
    नन्ही निकोल बड़े होकर एरो स्पेस इंजीनियर बनकर रॉकेट बनाना चाहती हैं। उनका सपना है कि वे अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित केनेडी स्पेस सेंटर जाएं तो उनका रॉकेट वहां देखने को मिले। अंतरिक्ष में कामयाबी का ख्वाब देखने वाली निकोल कई खगोल वैज्ञानिकों का साक्षात्कार ले चुकी हैं। वह ब्राजील के मंत्री मार्कोस पोंट्स से मिली, जो अंतरिक्ष जाने वाले अकेले ब्राजीलियन हैं।

    अंतरिक्ष की तस्वीरों से पटा है पूरा कमरा
    आठ साल की निकोल का कमरा अंतरिक्ष और ग्रहों की तस्वीरों से पटा हुआ है। यही नहीं उनके कमरे में रॉकेट और सितारों के भी प्रतीक चिन्ह हैं जिन्हें देखते हुए बड़ी हो रही हैं। युवा वैज्ञानिक के कमरे में दो बड़ी स्क्रीन वाले कंप्यूटर लगे हुए हैं जिसकी मदद से वे टेलीस्कोप से रात में ली गई आसमान की तस्वीरों में रॉक्स ढूंढ़ने का काम करती हैं।

    मां-बाप के नाम पर स्पेस रॉक का नाम
    निकोल ने कहा कि जिस स्पेस रॉक्स की पहचान उन्होंने की है उसका नाम वह ब्राजील के वैज्ञानिकों के नाम पर रखेंगी। बचे हुए रॉक्स का नाम अपने माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर रखेंगी। नासा से जुड़ने का मौका इन्हें इसलिए भी मिला है क्योंकि ब्राजील नासा से मिलकर कई मिशन पर काम कर रहा है। इसमें निकोल को मौका मिला है।

     

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