नई दिल्ली। रमजान का पाक महीना खत्म होने को है जिसकी शुरुआत 13 अप्रैल को हुई थी। ईद-उल-फितर (Eid-ul-fitr) के त्योहार के साथ ही रमजान का महीना (Month of Ramzan) समाप्त हो जाएगा। ईद-उल-फितर को मीठी ईद (Mithi Eid) भी कहा जाता है और यह मुसलमानों का सबसे बड़ा त्योहार है। इस्लामिक कैलेंडर (Islamic Calendar) के अनुसार, रमजान के बाद 10वें शव्वाल की पहली तारीख को ईद मनाई जाती है। लेकिन ईद का त्योहार किस दिन मनाया जाएगा यह हमेशा से ही चांद के दिखने पर निर्भर करता है।
13-14 मई को मनाया जाएगा ईद का त्योहार
हमेशा से ही चांद दिखने के बाद ही ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाता है। 11 मई, मंगलवार को सउदी अरब (Saudi Arab) सहित खाड़ी देशों में चांद का दीदार करने की कोशिश की गई। लेकिन चांद नहीं दिखा। वहीं केरल में भी मंगलवार रात चांद नहीं दिखा जिसके बाद अब ये साफ हो गया है कि 12 मई, बुधवार को 29वें रोज़े के दिन चांद के दीदार के बाद 13 मई, गुरुवार को ईद का पर्व (Festival of Eid) मनाया जाएगा। कई देशों ने तो 13 मई गुरुवार को ईद मनाने की घोषणा भी कर दी है। हालांकि अगर 13 मई को 30वें रोज़े के दिन चांद दिखा तो ईद का त्योहार 14 मई शुक्रवार को मनाया जाएगा।
क्या है चांद दिखने की अहमियत
दरअसल इस्लामिक कैलेंडर चांद पर आधारित है। चांद के दिखाई देने पर ही (After seeing the moon) ईद का त्योहार मनाया जाता है। रमजान के पाक महीने की शुरुआत भी चांद दिखने के बाद ही होती है और इस महीने का समापन भी चांद के निकलने के बाद ही मीठी ईद के साथ होता है। आम तौर पर रमजान के 29 या 30 दिनों के बाद चांद दिखता है जिसके आधार पर ईद का त्योहार मनाया जाता है।
ईद के दिन होती है खास नमाज
ईद के मौके पर घरों में मीठे पकवान खास तौर पर सेवई बनाई जाती है। दोस्तों और रिश्तेदारों को ईदी बांटी जाती है। लोग एक दूसरे के गले मिलकर ईद की मुबारकबाद देते हैं। इस दिन सुबह उठकर सबसे पहले ईद की खास नमाज अदा की जाती है। हालांकि मुस्लिम धर्म गुरु भी इस बार कोरोना की वजह से लोगों से घरों में रहकर ही ईद मनाने की अपील कर रहे हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved