नई दिल्ली । दुनियाभर में सोमवार को चांद दिखने के बाद आज धूमधाम से ईद-उल-फितर(Eid-ul-Fitr) का त्योहार मनाया जा रहा है. ईद का त्योहार मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए काफी बड़ा त्योहार होता है. रमजान (Ramadan 2022) के पाक महीने में रोजा रखने के बाद ईद-उल-फितर भाईचारे और अमन का पैगाम लेकर आती है.
दरअसल, कोरोना वायरस की वजह से करीब दो साल बाद मंगलवार को ईद-उल-फितर के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु दिल्ली की जामा मस्जिद में नमाज करने पहुंचे. पिछले दो सालों में ईद-उल-फितर के मौके पर लोगों से अनुरोध किया गया था कि वे अपने घरों में ही नमाज अदा करें.
इस बीच, पुलिस ने जामा मस्जिद के आसपास भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं ताकि कोई अनहोनी न हो. जामा मस्जिद और आसपास के इलाकों में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं. पुलिस बल की पर्याप्त तैनाती है. इस मौके पर दिल्ली के विशेष पुलिस आयुक्त दीपेंद्र पाठक ने कहा कि कानून और व्यवस्था का पालन करते हुए ईद का जश्न शांतिपूर्वक तरीके से मनाया जाना चाहिए. सोमवार को चांद दिखाई देने के साथ ही मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा रमजान के दौरान महीने भर चलने वाला रोजा खत्म हो गया है.
इस अवसर पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ईद-उल-फितर की शुभकामनाएं दीं और आशा व्यक्त की कि यह शुभ अवसर देश में एकजुटता और भाईचारे की भावना को बढ़ाता रहे. इस्लामिक पवित्र महीने रमजान के अंत को चिह्नित करने के लिए दुनिया भर के मुसलमानों द्वारा ईद-उल-फितर मनाया जाता है. इस्लामिक मान्यता के अनुसार, पैगंबर मुहम्मद को कुरान के पहले रहस्योद्घाटन के उपलक्ष्य में दुनिया भर के मुसलमानों द्वारा रमजान को उपवास के महीने के रूप में मनाया जाता है.
रमजान इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना है, जिसमें लगभग 30 दिनों तक कठोर उपवास शामिल है. इस महीने के दौरान मुसलमान सुबह से शाम तक भोजन या पानी का सेवन नहीं करते हैं. वे सहरी (सुबह से पहले का भोजन) खाते हैं और शाम को ‘इफ्तार’ के साथ अपना दिन भर का उपवास तोड़ते हैं. ईद उल-फितर रमजान के उपवास महीने के अंत का प्रतीक है. यह त्योहार इस्लामिक चंद्र कैलेंडर के 10वें महीने शव्वाल के पहले दिन मनाया जाता है.
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