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जबरन कम्पाउंडिंग के भी प्रयास, पुरानी इमारतों को भी थमा रहे नोटिस

November 03, 2021

  • 12 करोड़ की अब तक हो गई आय भी, मॉल सहित सभी बड़ी इमारतें नपेगी
  • आयुक्त ने दल भी किया गठित

इंदौर। 30 फीसदी तक अवैध निर्माणों (illegal constructions) को वैध करने के लिए कम्पाउंडिंग (compounding) की प्रक्रिया शासन निर्देशों के तहत चल रही है। निगम का मानना है कि शहर की हर छोटी-बड़ी इमारत में कुछ ना कुछ अवैध निर्माण (illegal constructions) अवश्य है। लिहाजा कम्पाउंडिंग (compounding) के जमकर नोटिस (notice) जारी किए जा रहे हैं। यहां तक कि वर्षों पुरानी इमारतों को भी नोटिस (notice) थमा दिए, वहीं कालोनाइजरों-बिल्डरों (colonizers-builders) पर भी दबाव बनाया जा रहा है कि वे कम्पाउंडिंग (compounding) करवाएं, जिसके चलते शॉपिंग मॉल सहित ऐसी अन्य बड़ी इमारतों की नपती भी निगम की टीम कर रही है। कल एबी रोड स्थित सी-21 और मल्हार मेगा मॉल की भी नपती करवाई गई, वहीं निगमायुक्त ने इस कार्रवाई के लिए एक दल का गठन भी कर दिया है। निगम कहना है कि अभी तक 12 करोड़ की राशि ऑनलाइन जमा हो गई है।
अभी तक 10 फीसदी निर्माण ही वैध हो सकते थे, मगर पिछले दिनों शासन ने निगम एक्ट (corporation act) में परिवर्तन कर 30 फीसदी तक अवैध निर्माणों को वैध कम्पाउंडिंग (lawful compounding) के जरिए करने का निर्णय लिया। हालांकि फ्रंट एमओएस (Front MoS) और पार्किंग में किए गए निर्माण या उपयोग परिवर्तन के मामले में कम्पाउंडिंग नहीं होगी। फरवरी तक कम्पाउंडिंग (compounding) राशि में छूट भी शासन ने घोषित की है। दूसरी तरफ कई बिल्डरों को फायदा भी हो रहा है। उनके अवैध निर्माण (illegal constructions) वैध हो सकेंगे और बार-बार नोटिस या ऐसी कार्रवाई से बच जाएंगे। निगमायुक्त प्रतिभा पाल (corporation commissioner Pratibha Pal) ने इस संबंध में एक दल भी गठित किया है। अपर आयुक्त भवन अनुज्ञा संदीप सोनी (additional commissioner building permission Sandeep Soni) को कम्पाउंडिंग के कार्य की भी मॉनिटरिंग का जिम्मा सौंपा गया, वहीं इस दल में संबंधित भवन अधिकारी, भवन निरीक्षक, झोन के सहायक राजस्व अधिकारी और भवन स्वामी द्वारा अधिकृत इंजीनियर व कन्सल्टेंट शामिल रहेंगे। सोनी के मुताबिक 400 से अधिक आवेदन मिले हैं। चूंकि ये आवेदन ऑनलाइन और स्व-घोषणा के आधार पर किए जा रहे हैं और इसमें कम्पाउंडिंग की राशि भी ऑनलाइन ही जमा करवाई जा रही है। अभी तक 12 करोड़ रुपए की राशि जमा हो चुकी है। कल सी-21 मॉल और मल्हार मेगा मॉल की भी नपती करवाई गई। मौके पर भवन अधिकारी असीद खरे, अश्विन जनवदे, भवन निरीक्षक योगेश जोशी, अंकेश बिरथरे (building officer Asid Khare, Ashwin Janwade, building inspector Yogesh Joshi, Ankesh Birthare) व उनकी टीम मौजूद रही। मॉल को निगम द्वारा दी गई स्वीकृति के आधार पर मौके पर की गई नपती से मिलान किया जाएगा। हालांकि साइड एमओएस में अस्थायी मार्केट बनाया गया है। उसकी भी कम्पाउंडिंग (compounding) का आवेदन लगाया है। हालांकि पूर्व में भी कई मर्तबा इन मॉलों की नपती हो चुकी है और अब फिर से नपती के बाद कम्पाउंडिंग आसानी से हो जाएगी। सभी कालोनाइजरों को भी निगम ने नोटिस जारी किए हैं। उनसे कहा गया है कि उनके द्वारा जो भूखंड या भवन बेचे गए हैं, उनमें भी अगर कम्पाउंडिंग के प्रकरण हो तो वह प्रस्तुत करवाए जाएं। निगमायुक्त ने दल गठन का जो आदेश जारी किया है उसमें स्पष्ट कहा गया कि अभी 31 अगस्त 2021 को जो कम्पाउंडिंग में संशोधन किए गए, उसी के अनुरूप प्रकरणों का निराकरण हो।


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