• img-fluid

    डेंगू का प्रभाव, बचाव ही उपाय

  • May 16, 2023

    – योगेश कुमार गोयल

    डेंगू वैसे तो प्रतिवर्ष खासकर बारिश के मौसम में लोगों पर कहर बनकर टूटता रहा है। देश के अनेक राज्यों में अब हर साल डेंगू का प्रकोप देखा जाने लगा है। हजारों लोग डेंगू से पीड़ित होकर अस्पतालों में भर्ती होते हैं। इनमें से दर्जनों लोग मौत के मुंह में भी समा जाते हैं। इसीलिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रतिवर्ष लोगों में डेंगू को लेकर जागरुकता पैदा करने के उद्देश्य से 16 मई को ‘राष्ट्रीय डेंगू दिवस’ मनाया जाता है। डेंगू की दस्तक हर साल सुनाई पड़ती है किन्तु हर तीन-चार वर्ष के अंतराल पर डेंगू एक महामारी के रूप में उभरकर सामने आता है।

    डेंगू की दस्तक के बाद प्रशासन की नींद टूटती है। तब जगह-जगह फैले कचरे और गंदगी के ढेर तथा विभिन्न अस्पतालों में सही तरीके से साफ-सफाई न होने और अस्पतालों में भी मच्छरों का प्रकोप दिखता है। प्रशासनिक लापरवाही का आलम यही रहता है कि ऐसी कोई बीमारी फैलने के बाद एक-दूसरे पर दोषारोपण कर जिम्मेदारी से बचने की होड़ दिखाई देती है।

    डेंगू का प्रकोप अब पहले के मुकाबले और भी भयावह इसलिए होता जा रहा है। अब डेंगू के कई ऐसे मरीज भी देखे जाने लगे हैं, जिनमें डेंगू के अलावा मलेरिया के भी लक्षण होते हैं और दोनों बीमारियों के एक साथ धावा बोलने से कुछ मामलों में स्थिति बेहद खतरनाक हो जाती है। पिछले कुछ वर्षों से डेंगू के कुछ ऐसे मामले भी सामने आने लगे हैं, जब सप्ताह भर बाद ही रोगी के शरीर में ज्यादातर अंग काम करना बंद कर देते हैं और रोगी दम तोड़ देता है। कुछ ऐसे मरीज भी देखे जाते हैं, जिनमें डेंगू के शिकार होने के बावजूद बुखार और तेज सिरदर्द जैसे डेंगू में आम लक्षण नदारद होते हैं। ऐसे मरीज केवल शारीरिक थकान की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंचते हैं, जहां उनमें रक्त जांच के बाद डेंगू की पुष्टि होती है। आमतौर पर सामने आने वाले लक्षणों रहित ऐसे मामले अब डॉक्टरों के लिए भी परेशानी का सबब बनने लगे हैं।


    डेंगू बुखार एक वायरल संक्रमण है। यह एक खतरनाक बीमारी है, जो ऐडीस मच्छर के काटने से होती है, जो हमारे घरों के आसपास भरे पानी में ही पनपता है। ऐडीस मच्छर काले रंग का स्पॉटेड मच्छर होता है, जो प्रायः दिन में ही काटता है। डेंगू का वायरस शरीर में प्रविष्ट होने के बाद सीधे शरीर के प्रतिरोधी तंत्र पर हमला करता है। इस मच्छर का सफाया करके ही इस बीमारी से पूरी तरह से बचा जा सकता है। प्रायः मानसून के बाद ही डेंगू के ज्यादा मामले देखने को मिलते हैं। डेंगू प्रायः दो से पांच दिनों के भीतर गंभीर रूप धारण कर लेता है। ऐसी स्थिति में प्रभावित व्यक्ति को बुखार आना बंद हो सकता है और रोगी समझने लगता है कि वह ठीक हो गया है लेकिन वास्तव में ऐसा होता नहीं है बल्कि यह स्थिति और भी खतरनाक होती है। अतः बेहद जरूरी है कि आपको पता हो कि डेंगू बुखार होने पर शरीर में क्या-क्या प्रमुख लक्षण उभरते हैं।

    डेंगू के अधिकांश लक्षण मलेरिया से मिलते-जुलते होते हैं लेकिन कुछ लक्षण अलग भी होते हैं। तेज बुखार, गले में खराश, ठंड लगना, बहुत तेज सिरदर्द, थकावट, कमर व आंखों की पुतलियों में दर्द, मसूडों, नाक, गुदा व मूत्र नलिका से खून आना, मितली व उल्टी आना, मांसपेशियों व जोड़ों में असहनीय दर्द, हीमोग्लोबिन के स्तर में वृद्धि, शरीर पर लाल चकत्ते (खासकर छाती पर लाल-लाल दाने उभर आना), रक्त प्लेटलेट (बिम्बाणुओं) की संख्या में भारी गिरावट इत्यादि डेंगू के प्रमुख लक्षण हैं।

    बीमारी कोई भी हो, उसके उपचार से बेहतर उससे बचाव ही होता है और डेंगू के मामले में तो बचाव ही सबसे बड़ा हथियार माना गया है। इसीलिए बारिश के मौसम से पहले ही लोगों को इसके बारे में जागरूक करना बेहद जरूरी हो जाता है। घर की साफ-सफाई का ध्यान रखा जाना बेहद जरूरी है। आपके घर या आसपास के क्षेत्र में डेंगू का प्रकोप न हो, इसके लिए जरूरी है कि मच्छरों के उन्मूलन का विशेष प्रयास हो। कुछ अन्य जरूरी बातों पर ध्यान देना भी बेहद जरूरी है। जैसे, अपने घर में या आसपास पानी जमा न होने दें। जमा पानी के ऐसे स्रोत ही डेंगू मच्छरों की उत्पत्ति के प्रमुख कारक होते हैं।

    यदि कहीं पानी इकट्ठा हो तो उसमें केरोसीन ऑयल या पैट्रोल डाल दें ताकि वहां मच्छरों का सफाया हो जाए। पानी के बर्तनों, टंकियों इत्यादि को अच्छी प्रकार से ढ़ककर रखें। कूलर में पानी बदलते रहें। यदि कूलर में कुछ दिनों के लिए पानी का इस्तेमाल न कर रहे हों तो इसका पानी निकालकर कपड़े से अच्छी तरह पोंछकर कूलर को सुखा दें। खाली बर्तन, खाली डिब्बे, टायर, गमले, मटके, बोतल इत्यादि में पानी एकत्रित न होने दें। घर के दरवाजों, खिड़कियों तथा रोशनदानों पर जाली लगवाएं ताकि घर में मच्छरों का प्रवेश बाधित किया जा सके। पूरी बाजू के कपड़े पहनें। हाथ-पैरों को अच्छी तरह ढककर रखें। मच्छरों से बचने के लिए मॉस्कीटो रिपेलेंट्स का प्रयोग कर सकते हैं लेकिन सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना मच्छरों से बचाव का सस्ता, सरल, प्रभावी और हानिरहित उपाय है। डेंगू के लक्षण उभरने पर तुरंत योग्य चिकित्सक की सलाह अवश्य लें। डेंगू हो जाने पर रोगी को हर हाल में पौष्टिक और संतुलित आहार देते रहना बेहद जरूरी है।

    (लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)

    Share:

    IPL 2023 : केकेआर के कप्तान नीतिश राणा पर 24 लाख रुपये का जुर्माना

    Tue May 16 , 2023
    नई दिल्ली (New Delhi)। चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) (Chennai Super Kings (CSK)) के खिलाफ रविवार को खेले गए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) (Indian Premier League (IPL)) मैच के दौरान कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) (Kolkata Knight Riders (KKR)) के कप्तान नीतिश राणा (Captain Nitish Rana) पर धीमी ओवर गति बनाए रखने के बाद जुर्माना लगाया गया […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    सोमवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved