उज्जैन। उन्हेल में हुई स्कूली वाहन दुर्घटना और उसमें चार बच्चों की मौत के बाद से शहर में शुरू हुए स्कूली वाहनों के चैंकिग अभियान के बाद कई अवैध वाहन जो स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने में लगे थे, वे सड़कों से गायब हो गए हैं। दो दिन पहले आटो यूनियन ने कार्रवाई को लेकर हड़ताल भी की थी।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों उन्हेल के फातिमा कान्वेंट स्कूल के बच्चे वाहन दुर्घटना का शिकार हो गए थे और चार बच्चों की मौत हो गई थी। इसके बाद से शहर में क्षमता से ज्यादा बच्चों को बैठाकर स्कूलों तक लाने ले जाने वाले सभी छोटे-बड़े वाहनों की चैंकिग का अभियान शुरू किया गया। अभियान में आरटीओ के अमले ने दो दर्जन से ज्यादा आटो रिक्शा, मैजिक वाहन और स्कूल बसें जब्त की थी। कार्रवाई शुरू होने के बाद से ही परमिट तथा जरूरी दस्तावेजों के बगैर चल रहे सैकड़ों छोटे-बड़े वाहन चालकों ने घर खड़े कर दिए।
इनमें आटो रिक्शा अधिक हैं। इसके अलावा मैजिक वाहन और कुछ बसें भी जो स्कूलों से अटैच नहीं थे तथा क्षमता से ज्यादा बच्चों को बैठाकर स्कूलों तक लाने ले जाने के काम में लगे थे वे कार्रवाई से घबरा गए। यही कारण है कि ऐसे वाहन चालकों ने बच्चों के परिजनों को कह दिया है कि जब तक चैंकिग अभियान चलेगा तब तक वे स्वयं अपने बच्चों को स्कूल लाने ले जाने का इंतजाम करें। अभियान रूकने के बाद ही वे बच्चों को अपने वाहन से ले जाना शुरू करेंगे। उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी जब इस तरह का चैंकिग अभियान आरटीओ ने चलाया था तब भी कई आटो सड़कों से गायब हो गए थे। दो दिन पहले कार्रवाई के विरोध में आटो चालकों ने हड़ताल भी की थी। हालांकि जिन वाहन चालकों के पास विधिवत पंजीयन और दस्तावेज हैं उन्होंने आज से बच्चों को स्कूल लाना ले जाना शुरू कर दिया है, लेकिन अधिकांश वाहन चालक जिनके दस्तावेज कम्पलीट नहीं हैं। उन्होंने कार्रवाई के डर से अभी भी वाहन घर पर खड़े रखें हैं और पालकों को ही बच्चों को स्कूल लाना ले जाना पड़ रहा है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved