पटना: आरजेडी नेता और बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री प्रो.चंद्रशेखर (Education Minister Prof. Chandrashekhar) ने एक बार फिर मंदिर (Temple) के खिलाफ बयानबाजी की है. चन्द्रशेखर ने मंदिर को लूटने और लुटाने (plunder and loot) की जगह बताया. चन्द्रशेखर ने कहा कि आज छद्म हिंदूवाद (pseudo hinduism) से सावधान रहने की जरूरत है. जो मंदिर के लिए स्थल निर्धारित की गई है, वह निश्चित तौर पर शोषण का स्थल बनाया गया है और चंद षड्यंत्रकारियों के जेब भरने का जरिया है.
आरजेडी विधायक ने तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) के बयान को दोहराते हुए कहा कि अगर आपको चोट लगेगी तो आप मंदिर जाओगे या अस्पताल (Hospital). ठीक उसी तरह अगर आपको ज्ञान अर्जित करना है, पढ़ लिखकर बड़ा अधिकारी (senior officer) या होशियार बनना है तो विद्यालय (School) जाना होगा. मंदिर जाने से काम नहीं चलेगा.
इसके साथ ही चन्द्रशेखर ने आरजेडी विधायक फतेह बहादुर सिंह के उस बयान का भी समर्थन किया जिसमें उन्होंने कहा था- मंदिर गुलामी का रास्ता है. शिक्षामंत्री डेहरी में एमएलए फतेह बहादुर सिंह के द्वारा आयोजित सावित्रीबाई फुले की जयंती समारोह में शामिल होने पहुंचे थे. इस कार्यक्रम में ही उन्होंने ये विवादस्पद बयान दिया है. इस कार्यक्रम में बिहार सरकार के भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री आलोक मेहता और अति पिछड़ा कल्याण मंत्री अनिता देवी भी मौजूद थी.
इससे पहले चन्द्रशेखऱ ने अयोध्या में होने वाले श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा पर भी विवादित टिप्पणी की थी. तब उन्होंने कहा था कि-कोई भगवान के अंदर प्राण नहीं दे सकता है. वह तो सर्वव्यापी हैं. उनके अंदर प्राण कौन दे सकता है? वहीं अयोध्या जाने के सवाल पर चन्द्रशेखर ने कहा कि मुझे मुझे न्यौता मिलेगा तो जाऊंगा, नहीं मिलेगा तो नहीं जाऊंगा.
नीतीश सरकार के शिक्षामंत्री ने पहले रामचरितमानस को बांटने वाला ग्रंथ बताया था. पिछले साल नालंदा खुला विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था- ‘रामचरितमानस ग्रंथ समाज में नफरत फैलाने का ग्रंथ है. यह समाज में दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को पढ़ाई से रोकता है, उन्हें उनका हक दिलाने से रोकता है.
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