इंदौर। शिक्षा विभाग ने एमपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षा में घटिया परिणाम देने वाले सरकारी स्कूलों को नोटिस थमाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इंदौर डिवीजन में आने वाले सभी स्कूलों के परीक्षा परिणामों की जांच-पड़ताल की जा रही है और उसके बाद संबंधित स्कूलों के प्राचार्यों को नोटिस जारी किए जाएंगे। वहीं दूसरी तरफ कुछ सरकारी स्कूलों को सीएम राइज योजना में शामिल किया था उनके अवश्य परीक्षा परिणाम इस बार बेहतर रहे हैं। यहां तक कि 3 से 4 फीसदी गत वर्ष क परीक्षा परिणामों की तुलना में वृद्धि भी हुई है।
इंदौर में ही सीएम राइज मल्टी मल्हार आश्रम और नंदा नगर ने 94 से लेकर 98 फीसदी परीक्षा परिणाम दिए हैं। 10वीं और 12वीं की परीक्षा में 88 प्रतिशत विद्यार्थी पास हुए हैं, तो इसी तरह नंदानगर में भी 92 और 96 प्रतिशत पास होने वाले छात्रों का हिस्सा रहा है। दरअसल सीएम राइज स्कूलों की शुरुआत तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने की थी और उस वक्त कई स्कूलोंका परीक्षा परिणाम 50 से 60 फीसदी और उससे भी कम रहता था। वहीं कई नए स्कूल भी बनाए जा रहे हैं। दरअसल जब से दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने सरकारी स्कूलों की दसा और दिशा बदल दी और निजी स्कूलों से बेहतर सरकारी स्कूलों में सुविधाएं तो उपलब्ध कराई, साथ ही पढ़ाई का स्तर भी सुधार दिया, जिसकी देश और दुनिया में जमकर सराहना भी हुई।
यही कारण है कि तमाम राज्य सरकारों ने उसी तर्ज पर सरकारी स्कूलों को बेहतर करना शुरू किया। महाराजा शिवाजीराव स्कूल में कक्षा 10वीं का परिणाम जहां 2020-21 में 51 प्रतिशत था और कोविड के चलते सभी बच्चों को पास भी कर दिया था। दूसरी तरफ सीएम राइज मल्टी मल्हार आश्रम स्कूल में2022-23 में 61 बच्चों में से 46 उत्तीर्ण हुए और 75 फीसदी परीक्षा परिणाम रहा, तो अभी 2023-24 में 85 में से 73 छात्र सफल हुए और उत्तीर्ण होने वाले परीक्षार्थियों का प्रतिशत बढक़र 88 तक हो गया। कक्षा 10वीं की तरह ही कक्षा 12वीं के भी परीक्षा परिणामों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज हुई। इस सीएम राइज स्कूल में 2022-23 में 92 फीसदी प्रतिशत था, तो अभी 2023-24 में यह बढक़र 94.41 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
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