नई दिल्ली । पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Chief Minister Charanjit Singh Channi) के भतीजे भूपिंदर हनी (Bhupinder Singh Honey) को प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की टीम ने अदालत में पेश किया। जहां से अदालत ने तीन दिन का रिमांड बढ़ा दिया है। अदालत में ईडी (ED)ने दावा किया कि हनी ने पूछताछ में माना है कि अवैध खनन (Sand Mining-Transfers) मामले में अधिकारियों के स्थानांतरण करवाकर करोड़ों की वसूली की है।
दरअसल इसके बाद कहना होगा कि रेत खनन और तबादले के खेल में गिरफ्तार भूपिंदर सिंह हनी ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने खुलासा किया है कि हनी ने चन्नी के नाम का इस्तेमाल कर 325 करोड़ रुपये कमाए हैं। अफसरों को आशंका है कि पूछताछ में हनी कुछ और महत्वपूर्ण खुलासे कर सकता है। इसलिए मंगलवार को उसे अदालत में पेश कर तीन दिन का रिमांड और लिया है।
ईडी की तरफ से पेश वकील लोकेश नारंग ने अदालत में कहा कि मामला करोड़ों रुपयों से जुड़ा है। ईडी ने दावा किया कि हनी ने पूछताछ में माना है कि अवैध खनन मामले में अधिकारियों के स्थानांतरण करवाकर करोड़ों रुपये की वसूली की है। इसकी गहराई में जाने और पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए और पूछताछ की जरूरत है। ऐसे में हनी का रिमांड तीन दिन और बढ़ाया जाए।
जांच एजेंसी ने अदालत में तर्क दिया कि उसके व उसके सहयोगियों के पास से जब्त करीब 10 करोड़ रुपये की धनराशि पंजाब में अवैध रेत खनन व अधिकारियों के तबादलों के जरिये एकत्र की गई थी। अभी यह पता लगाना बाकी है कि यह रकम किन अधिकारियों ने हनी को दी थी। ईडी के तर्क के बाद अदालत ने हनी का रिमांड तीन दिन तक और बढ़ा दिया। दूसरी ओर, सूत्रों का कहना है कि पंजाब के कई अधिकारी ईडी के रडार पर हैं। कभी टीम उन पर शिकंजा कस सकती है।
बता दें कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे भूपिंदर सिंह को ईडी ने तीन फरवरी को पहले पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन उन्होंने सवालों के सही जवाब नहीं दिए। इसलिए उन्हें देर रात गिरफ्तार कर लिया गया। उधर, ईडी के अधिकारी खुलकर तो कुछ नहीं बता रहे हैं लेकिन इतना साफ है कि सीएम के कई अन्य रिश्तेदार भी जांच के दायरे में आ सकते हैं।
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