नई दिल्ली (New Dehli)। प्रवर्तन निदेशालय (ED) को ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh)में एक सर्च ऑपरेशन के दौरान बड़ी सफलता (Success)हासिल की है. जिसमें 5.39 करोड़ रुपये नकद पकड़े (holding cash)गए हैं. दरअसल, यह कार्रवाई ईडी ने महादेव बुक ऑनलाइन बेटिंग ऐप (Mahadev Book Online Betting App)सिंडिकेट की जांच के दौरान की. इस दौरान पकड़े गए कैश कूरियर असीम दास ने पूछताछ में खुलासा किया है कि बड़ी रकम ‘बघेल’ के नाम राजनेता को दिए जाने का इंतजाम किया गया था.
2 नवंबर को ईडी को खुफिया जानकारी मिली कि 7 और 17 नवंबर 2023 को होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर महादेव ऐप के प्रमोटरों द्वारा छत्तीसगढ़ में बड़ी मात्रा में नकदी ले जाई जा रही है. ईडी ने होटल ट्राइटन और एक अन्य स्थान पर तलाशी ली. भिलाई और सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के चुनावी खर्चों के लिए बड़ी मात्रा में नकदी पहुंचाने के लिए खास तौर पर संयुक्त अरब अमीरात से भेजे गए एक कैश कूरियर असीम दास को डिटेन किया गया.
ईडी ने 5.39 करोड़ रुपये की नकद राशि (उनकी कार और उनके आवास से) बरामद की है. असीम दास ने स्वीकार किया है कि जब्त की गई धनराशि महादेव ऐप प्रमोटरों द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में आगामी चुनाव खर्चों के लिए एक राजनेता ‘बघेल’ को देने की व्यवस्था की गई थी. ईडी ने महादेव ऐप के कुछ बेनामी बैंक खातों का भी पता लगाया है जिनमें 15.59 करोड़ रुपये की शेष राशि फ्रीज कर दी गई है. ईडी ने असीम दास को गिरफ्तार कर लिया है.
दरअसल, इस सट्टेबाजी सिंडिकेट के प्रमोटर विदेश में बैठे हैं और अपने दोस्तों और सहयोगियों की मदद से भारत भर में हजारों पैनल चला रहे हैं, जो खासकर छत्तीसगढ़ से हैं और उन्होंने हजारों करोड़ रुपये कमाए हैं. ईडी ने पहले ही 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और 450 करोड़ रुपये से अधिक की अपराधिक आय जब्त कर ली है और 14 आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
असीम दास से पूछताछ और उसके पास से बरामद फोन की फोरेंसिक जांच से और शुभम सोनी (महादेव नेटवर्क के उच्च पदस्थ आरोपियों में से एक) द्वारा भेजे गए ईमेल की जांच से कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. इस मामले में पहले ही कई भुगतान किए जा चुके हैं. जिसके मुताबिक महादेव ऐप प्रमोटर्स ने अब तक लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को किया है. ये अपने आप में जांच का विषय है.
आगे की जांच के दौरान ईडी ने पुलिस कांस्टेबल भीम यादव से भी पूछताछ की और उसे गिरफ्तार कर लिया. ईडी की जांच से पता चला है कि पिछले 3 वर्षों में भीम यादव ने अनधिकृत रूप से दुबई की यात्रा की थी. उसने वहां जाकर रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर से मुलाकात की थी. महादेव एप के भव्य समारोहों में भाग लिया था और उसकी यात्रा का खर्च आहूजा के मेसर्स रैपिड ट्रैवल्स ने उठाया था, जो महादेव एप की एक मनी लॉन्ड्रिंग और टिकटिंग कंपनी है. वह छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ अधिकारियों और राजनेताओं के लाभ के लिए महादेव ऐप प्रमोटरों से रिश्वत की रकम हासिल करने का जरिया था.
दोनों आरोपियों को अब पीएमएलए स्पेशल जज रायपुर की अदालत में पेश किया गया और ईडी ने उनके चौंकाने वाले कबूलनामे की पुष्टि करने और मनी लॉन्ड्रिंग के सबूतों का पता लगाने के लिए उनसे हिरासत में पूछताछ की मांग की है. कोर्ट ने आरोपियों को 7 दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है. इस मामले में आगे की जांच जारी है.
इस मामले में पहले दाखिल किए गए आरोप पत्र से पता चला था कि महादेव ऐप प्रमोटरों द्वारा भूपेश बघेल के दो ओएसडी और उनके करीबी लोगों को हवाला के जरिए भुगतान किया गया था. इसके अलावा महादेव ऐप के प्रमोटर नियमित रूप से वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भुगतान करते थे.
खास बात ये है कि यूएई से आए कैश कूरियर असीम दास के फोन से ईडी को एक ऑडियो मिली है. दावा किया जा रहा है कि इस ऑडियो में शुभम सोनी और असीम दास के बीच बातचीत हो रही है. जिसमें सोनी कैश कूरियर असीम दास को कह रहा है कि तुम रायपुर जाओ और वहां चुनाव के लिए बघेल को चुनाव के लिए पैसा पहुंचा दे.
शुभम सोनी ऑडियो में कह रहा है “भाई तू एक काम कर, तू ना अभी के अभी इंडिया निकल और क्या बोलते है, मेरे को ना भयंकर कॉल मैसेज आ रहे है उधर से पैसे के लिए. तो तू एक काम कर तू वहां निकल. मैं तेरे को ना वहां पर रायपुर के ब्रांच से आठ दस करोड़ दिलवा रहा हूं. तो तू वहां पर छोड़वा देना, बघेल जी के पास. ठीक है. और क्या बोलते हैं. एक बार बात भी कर लेना की काम वाम न बंद हो अपना कोई भी और बाकी तो मैं करवा दूंगा नेक्सट टाइम में. अभी इलेक्शन टाइम चल रहा है ना तो हो नहीं पा रहा है.”
मोदी सरकार ने ED को हथियार बनायाः टी.एस. सिंह देव
छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम टी.एस. सिंह देव ने इस मामले पर कहा कि चुनाव से पहले वे (BJP) पूरी तरह अपेक्षित लाइन पर चले गये हैं. ये आरोपों का सिलसिला है. क्योंकि मोदी सरकार ईडी को राजनीतिक दलों के खिलाफ हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रही है. हम उन पर कैसे भरोसा कर सकते हैं? ये सभी आरोप हैं. मनी ट्रेल में नाम लेना सबसे आसान काम है. इससे पहले एक डायरी काफी सुर्खियों में रही थी. अब वे दूसरे नाम ले रहे हैं. आपको ईडी के मामले में अपील करने का अधिकार नहीं है. किसी पर भी मामला दर्ज किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि ऐसे मामले में नकद लेनदेन साबित करना कठिन है. वे बताएं कि 500 करोड़ कहां हैं? वह नकदी कहां है?
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