नई दिल्ली । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Senior Congress leader Digvijay Singh) ने कहा कि ईडी की कार्रवाई (ED’s Action) कांग्रेस की आवाज को दबाने का (To suppress the voice of Congress) कुटिल प्रयास है (Is Malicious Attempt) । दिग्विजय सिंह ने नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट पर कहा कि नेहरू-गांधी परिवार एक ऐसा परिवार है जिसने देश को सिर्फ दिया है और अपने लिए कभी कुछ नहीं लिया।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि साल 1930 से लेकर अब तक, इलाहाबाद या कहीं और जो भी संपत्ति उनके पास थी, वह राष्ट्र को समर्पित कर दी। इस परिवार से तीन प्रधानमंत्री हुए, फिर भी उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का एक भी आरोप साबित नहीं हुआ, उस परिवार पर ईडी ने जो चार्जशीट दायर की है। इस परिवार ने नेशनल हेराल्ड की जितनी भी संस्थाएं हैं, उनसे पैसे का लेनदेन नहीं किया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि भ्रष्टाचार में हमेशा मनी ट्रेल (पैसे का लेनदेन) देखी जाती है। इस केस में मनी ट्रेल का एक भी उदाहरण नहीं है। कांग्रेस पार्टी चूंकि केंद्र में बैठी एनडीए सरकार का विरोध करती है, इसीलिए कांग्रेस की आवाज को दबाने का यह कुटिल प्रयास है। कांग्रेस में प्रदर्शन नहीं करने वाले नेताओं को पहचानने की जरूरत है।
राहुल गांधी के इस बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि बिल्कुल सही बात है। ऐसे नेताओं की पहचान होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून की सुनवाई पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, “मेरा मानना है कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले को उसी गंभीरता से लेना चाहिए जैसा कि अब तक लेता आया है, और असंवैधानिक कानून को रद्द किया जाना चाहिए।”
उल्लेखनीय है कि हाल ही में वक्फ कानून को संसद में बहुमत के साथ पारित किया गया। केंद्र सरकार का दावा है कि इस संशोधन से गरीब मुसलमानों का भला होगा। वक्फ की जमीनों पर अवैध कब्जा करने वाले लोगों के चंगुल से जमीन वापस लाई जाएगी। वहीं, वक्फ कानून का विपक्ष लगातार विरोध कर रहा है। विपक्ष का कहना है कि सरकार वक्फ की जमीनों पर जबरन कब्जा करना चाहती है। वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई। अगली सुनवाई 5 मई को होगी।
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