नई दिल्ली। आम जनता (public) को महंगाई से राहत (Relief from inflation) देने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। इसके मद्देनजर सरकार की तरफ से खाने के तेल और तिलहन पर सख्ती (Strictness on edible oil and oilseeds) जारी है. खाने के तेल (Edible Oil) से जुड़ी जमाखोरी पर लगाम लगाने के लिए शुक्रवार को मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान में केन्द्रीय टीमों ने छापेमारी की. हालांकि अभी तक छापेमारी में क्या सामने आया, इस बारे में जानकारी सामने नहीं आई है।
तेल और तिलहन की जमाखोरी की खबर
आपको बता दें सरकार को जानकारी मिली है कि खाने के तेल और तिलहन की भारी मात्रा में जमाखोरी की जा रही है. जिससे बाजार में आवक कम होने से लगातार भाव बढ़ रही है. इसका सीधा असर महंगाई पर पड़ रहा है. इससे पहले महंगाई पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने हाल ही में सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल को लेकर बड़ा फैसला किया गया है।
कस्टम ड्यूटी खत्म करने का ऐलान
सरकार ने सालाना 20 लाख टन कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी तेल के इंपोर्ट पर कस्टम ड्यूटी और एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर सेस को मार्च, 2024 तक खत्म करने का ऐलान किया है. सरकार के इस फैसले के बाद भी खाने का तेल सस्ता होने की उम्मीद जताई जा रही है।
वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया कि सालाना 20 लाख टन कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी तेल पर वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 में कस्टम ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी. सरकार का मानना है इंपोर्ट ड्यूटी में इस छूट से घरेलू कीमतों में नरमी आएगी और मुद्रास्फीति को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी।
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