नई दिल्ली। आयातित खाद्य तेल के दाम (Imported edible oil price) कम होने के कारण देश भर के तेल-तिलहन बाजारों (oilseeds markets) में शनिवार को सरसों और बिनौला तेल (Mustard and cottonseed oil) कीमतों में गिरावट ( prices fall) रही जबकि कम भाव में बिकवाली नहीं किए जाने से सोयाबीन दाना और लूज के भाव में सुधार आया. सामान्य कारोबार के बीच सोयाबीन तेल, सीपीओ, पामोलीन सहित बाकी सभी तेल-तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए।
बाजार सूत्रों ने कहा कि महाराष्ट्र के धुरिया में प्लांट वाले सोयाबीन दाना 6,625-6,650 रुपये क्विन्टल के भाव पर खरीद रहे हैं जिससे सोयाबीन दाना एवं लूज के भाव में सुधार आया. मिल वालों को सोयाबीन का कारोबार बेपड़ता बैठता है और बाजार में भाव पेराई की लागत से कहीं सस्ता होने से मिलों को पेराई के बाद तेल सस्ते में बेचने को बाध्य होना पड़ता है यानी मिल वालों, प्लांट्स, आयातकों सभी को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
सूत्रों ने कहा कि सरकार को इस ओर ध्यान देना होगा कि अपनी खाद्य तेल जरुरतों के लिए 65 फीसदी आयात पर निर्भर देश के व्यापारियों और आयातकों को बेपड़ता भाव पर तेलों की बिक्री क्यों करनी पड़ रही है? उन्होंने लागत से कम भाव पर बिक्री करने की बाध्यता पर गौर करने का सरकार से अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि मिल वालों को विदेशों से आयात करने पर सीपीओ मुनाफा जोड़कर 111 रुपये प्रति किलो का भाव पड़ता है जबकि बाजार में इसका भाव 108 रुपये प्रति किलो है. पामोलीन के मामले में भी यही स्थिति है जहां लागत के मुकाबले बाजार भाव 4-5 रुपये प्रति किलो अधिक है. ऐसी स्थिति में आयातक बदहाल हैं।
उन्होंने बताया कि बेपड़ता कारोबार की वजह से कपास की 50 फीसदी तेल मिलें बंद हो चुकी हैं. बिनौला के दाने को ऊंचे भाव पर खरीदना पड़ता है जबकि बिनौला तेल और खल का भाव बाजार में सस्ता है. सूत्रों के अनुसार तेल आयातक रोज की मंदा और तेजी से परेशान हैं. दूसरा बेपड़ता कारोबार की मजबूरी उन्हें परेशान किए हुए है. इससे आयातकों द्वारा कारोबार के लिए बैंकों से लिया कर्ज के डूबने का खतरा बढ़ता जा रहा है जो बैंकों में अपनी ऋण लिमिट घुमाने के लिए बेपड़ता कारोबार का सहारा ले रहे हैं।
कुछ समय पूर्व स्टॉक लिमिट लागू होने की चर्चाओं के बीच व्यापारियों, तेल मिलों और किसानों ने सरसों के अपने सारे स्टॉक को खाली कर दिया था. इस वजह से सरसों तेल तिलहन के भाव में गिरावट देखी गई. सरसों की उपलब्धता काफी कम हो गई है और इसकी अगली परिपक्व फसल आने में अभी दो-ढाई महीने की देर है।
बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)
सरसों तिलहन – 8,500 – 8,525 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये
मूंगफली – 5,675 – 5,760 रुपये
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 12,540 रुपये
मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 1,840 – 1,965 रुपये प्रति टिन
सरसों तेल दादरी- 16,600 रुपये प्रति क्विंटल
सरसों पक्की घानी- 2,265 -2,590 रुपये प्रति टिन
सरसों कच्ची घानी- 2,645 – 2,755 रुपये प्रति टिन
तिल तेल मिल डिलिवरी – 16,700 – 18,200 रुपये
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 12,780 रुपये
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,450 रुपये
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 11,400 रुपये
सीपीओ एक्स-कांडला- 10,750 रुपये
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 11,450 रुपये
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 12,200 रुपये
पामोलिन एक्स- कांडला- 11,150 (बिना जीएसटी के)
सोयाबीन दाना 6,375 – 6,475, सोयाबीन लूज 6,225 – 6,275 रुपये
मक्का खल (सरिस्का) 3,850 रुपये
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